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UK Film Festival 2020: सुपवा के छात्रों की 3 फिल्मों का यूके फिल्म फेस्टिवल में चयन, लंदन में स्क्रीनिंग

UK Film Festival 2020 पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट (पीएलसी सुपवा) के छात्रों की बनाई तीन फिल्मों की स्क्रीनिंग लंदन में होगी। यह पहली बार है जब किसी विदेशी फिल्म फेस्टिवल में संस्थान के छात्रों की बनाई तीन फिल्म एक साथ जगह बना पाई

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 12:45 PM (IST)
UK Film Festival 2020: सुपवा के छात्रों की 3 फिल्मों का यूके फिल्म फेस्टिवल में चयन, लंदन में स्क्रीनिंग
छात्रों की तीन फिल्मों को यूके के फर्स्‍ट टाइम फिल्म मेकर सेशन 2020 के लिए चुना गया है।

रोहतक [केएस मोबिन] पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट (पीएलसी सुपवा) के छात्रों की बनाई तीन फिल्मों की स्क्रीनिंग लंदन में होगी। फैकल्टी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (एफटीवी) के तृतीय वर्ष के नूह निवासी छात्र वारिस इब्न फारुकी और मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी कल्लोल मुखर्जी की फिल्मों को यूके के फर्स्‍ट टाइम फिल्म मेकर सेशन 2020 के लिए चुना गया है। सितंबर माह के आखिर में होने वाली स्क्रीनिंग में संस्थान के छात्रों की फिल्म दिखाई जाएंगी।

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यह पहली बार है जब किसी विदेशी फिल्म फेस्टिवल में संस्थान के छात्रों की बनाई तीन फिल्म एक साथ जगह बना पाई हैं। चयनित फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है। जिन्हें शॉर्ट फिल्म की विभिन्न कैटेगरी के तहत सिलेक्ट किया है। 25 सितंबर से फिल्म की स्क्रीनिंग शुरू हो जाएगी। छात्रों का कहना है कि बतौर फेस्टिवल से उनकी फिल्म विदेशी दर्शकों तक पहुंचेगी।

वारिस की निर्देशित इन फिल्म की होगी स्क्रीनिंग

1. फिल्म : वन्स अपोन ए टाइम इन कॉफी शॉ

अवधि : चार मिनट

कैटेगरी : शॉर्ट फिल्म, स्टूडेंट

कहानी : वारिस बताते हैं कि इस्लामोफोबिया से प्रेरित फिल्म का विचार उन्हें अपने एक दोस्त के साथ हुए घटनाक्रम से आया। एक कॉफी शॉप पर मुस्लिम लिबास और दाढ़ी-मूंछ में एक नौजवान प्रवेश करता है। उसके रंग-ढंग से आसपास बैठे युवक-युवतियां उसके पहनावे और हावभाव से असहज महसूस करते हैं। उसके बैठने के लिए कुर्सी सरकाने से लेकर हाथ से बर्तन गिरने तक आसपास के लोगों के हावभाव को फिल्म में दिखाया गया है।

2. नाम : करीन

अवधि : नौ मिनट

कैटेगरी : शॉर्ट फिल्म एक्सपेरिमेंटल

कहानी : इस्लामिक माइथोलॉजी के एक प्रसंग पर इस शॉर्ट फिल्म की कहानी रची गई है। कालेज में एक कत्ल हो जाता है। अजीब तरीके से हुए कत्ल से छात्र-छात्राओं में दहशत है। कहानी के अंत में पता चलता है कि नायक ही असल में गुनहगार है। इंसान की अच्छी और बुरी रुह के बीच संवाद को देखते हैं।

- छात्र कल्लोल की निर्देशित इस फिल्म की स्क्रीङ्क्षनग होगी

3. नाम : कफस

अवधि : सात से आठ मिनट

कैटेगरी : शॉर्ट फिल्म सोशल

कहानी : कफस एक नाबालिग लड़की की कहानी है, जिसे कोठे पर बेच दिया जाता हैं। फिल्म में हम उसके मानसिक अनबन को देखते हुए पहले के जीवन को देखते हैं। वन टेक में बनाई गई फिल्म में भावनाओं के मार्मिक तरीके से दिखाया गया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी दीपक जैन, एडिङ्क्षटग सूरज प्रजापति और ऑडियोग्राफी एकांत वशिष्ठ ने की है। 23 एक्टर्स ने काम किया है।


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