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5 साल में दम तोड़ गए 2682 वन्य जीव

जागरण संवाददाता हिसार हिसार मंडल के जिला हिसार फतेहाबाद सिरसा व भिवानी में 1 जनवर

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 07:27 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 07:27 AM (IST)
5 साल में दम तोड़ गए 2682 वन्य जीव
5 साल में दम तोड़ गए 2682 वन्य जीव

जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार मंडल के जिला हिसार, फतेहाबाद, सिरसा व भिवानी में 1 जनवरी 2016 से लेकर 31 दिसम्बर 2020 तक पांच साल की अवधि में 411 काले हिरणों सहित 2682 वन्यजीव दम तोड़ गए। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेश प्रवक्ता पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने बताया वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रयासरत और जीव रक्षा सभा के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष विनोद कड़वासरा बड़ोपल ने आरटीआइ के माध्यम से जानकारी ली है। इसमें सामने आया कि हिसार मंडल के राजस्थान बार्डर से लगते जिलों में वन्यजीव खात्मे के कगार पर है।

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इतने वन्य जीव मरे

411 काले हिरण,

68 राष्ट्रीय पक्षी मोर,

35 चिकारा हिरण,

74 बंदर

2005 नील गाय

89 अन्य वन्यजीव

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किस जिले में कितने वन्य जीव मरे

- जिला फतेहाबाद में पांच सालों में कुल 862 वन्यजीव मारे गए, जिनमें 176 काले हिरण, 24 राष्ट्रीय पक्षी मोर, 02 चिकारा हिरण, 32 बंदर, 605 नील गाय और 23 अन्य वन्यजीव शामिल हैं।

- जिला हिसार में 1273 वन्यजीव मारे गए, जिनमें 216 काले हिरण, 27 राष्ट्रीय पक्षी मोर, 22 चिकारा हिरण, 09 बंदर, 958 नील गाय और 41 अन्य वन्यजीव शामिल हैं।

- जिला सिरसा में 187 वन्यजीव मारे गए, जिनमें 12 काले हिरण, 01 राष्ट्रीय पक्षी मोर, 05 चिकारा हिरण, 01 बंदर, 163 नील गाय और 05 अन्य वन्यजीव शामिल हैं।

- जिला भिवानी में कुल 360 वन्यजीव मारे गए, जिनमें 07 काले हिरण, 16 राष्ट्रीय पक्षी मोर, 06 चिकारा हिरण, 32 बंदर, 279 नील गाय और 20 अन्य वन्यजीव शामिल हैं।

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ये भी जानें

जीव रक्षा सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने बताया यह आंकड़ा तो सिर्फ उन वन्यजीवों का हैं, जिनकी सूचना विभाग को मिली और विभाग ने रिकार्ड में दर्ज किया। इसके अलावा इससे भी कई गुणा ज्यादा वन्यजीव मौत का शिकार हुए हैं, जिनका आमजन जानकारी के अभाव में अपने स्तर पर इलाज करवाते हैं या दफना देते हैं। चिकारा हिरण तो अब कुछ संख्या में भिवानी जिला के बिश्नोई बाहुल्य गांव लीलस व सैणीवास के इलाके में बचा है, बाकि जिलों में लगभग खत्म हो गया है। सभा की तरफ से कहा गया कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आवश्यक है कि उन्हें घायल ही ना होने दें, इसके लिए हम प्रशासन/विभाग की मदद से ब्लेड वाले तारों पर प्रतिबंध, कुतों का बधियाकरण व इनके प्रयावासों के संरक्षण में लगे हुए हैं। घायल वन्यजीवों की सूचना हमें या वन्यप्राणी को दें ताकि इनका इलाज करवाया जा सके। यदि कोई दुर्लभ प्रजाति का वन्यजीव मृत पाया जाता है तो उसे अपने स्तर पर न दफनाएं बल्कि वन्यप्राणी विभाग को सूचित करें ताकि उसका पोस्टमार्टम कर रिकार्ड में लेकर विधिवत रूप से संस्कार किया जा सके।


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