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थायराइड से ग्रस्‍त हो जाती हैं 25 फीसद गर्भवती महिलाएं, सिविल अस्पताल में नहीं हो रही जांच

सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड में प्रतिदिन 150 के करीब गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आती हैं। मगर अब इनकी थायराइड की जांच नहीं हो रही है। निजी अस्‍पताल में भारी फीस देनी पड़ती है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 11:48 AM (IST)
थायराइड से ग्रस्‍त हो जाती हैं 25 फीसद गर्भवती महिलाएं, सिविल अस्पताल में नहीं हो रही जांच
थायराइड से ग्रस्‍त हो जाती हैं 25 फीसद गर्भवती महिलाएं, सिविल अस्पताल में नहीं हो रही जांच

हिसार, जेएनएन। सिविल अस्पताल में  थायराइड की जांच नहीं होती, जबकि डाक्टरों के अनुसार गर्भवती होने के बाद 25 फीसदी महिलाएं थायराइड से पीडि़त हो जाती हैं, लेकिन जिले के मुख्य अस्पताल में ही थायराइड की जांच के लिए मशीन उपलब्ध नहीं है। सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड में प्रतिदिन 150 के करीब गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आती हैं। जिनमें हर महीने 30 से 40 महिलाओं में मामले थायराइड होने के सामने आ रहे है। जिन्हें निजी अस्पतालों में बनी लैब में थायराइड टेस्ट करवाना पड़ता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को निजी लैब से यह टेस्ट करवाने पड़ते हैं।

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लंबे समय से लैब टेक्नीशियन की कमी भी नहीं की जा रही दूर

मरीजों को विभिन्न टेस्टों की सुविधाएं देने के लिए सिविल अस्पताल में बनाई गई लैब में लैब टेक्नीशियन के 14 पद सेंक्शन हैं जबकि सिर्फ पांच लैब टेक्नीशियन उपलब्ध हैं। वहीं लैब अटेंडेंट के तीन पद हैं, लेकिन लैब अटेंडेंट की भी कमी है। कर्मचारियों की कमी के कारण सामान्य ब्लड टेस्टों की रिपोर्ट के लिए भी मरीजों को 6-6 घंटे रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि निजी लैब व अस्पतालों में यहीं टेस्ट रिपोर्ट 10 से 15 मिनट में मिल जाती है।

प्रतिदिन होते हैं 800 से 900 टेस्ट

सिविल अस्पताल स्थित लैब में प्रतिदिन करीब 150 मरीजों के 800 से 900 टेस्ट किए जाते हैं। लैब में सुबह 9 बजे से लेकर 12.30 बजे तक टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। अगर कोई मरीज सुबह 9 बजे ब्लड सैंपल देता है तो उसे विभिन्न टेस्ट की रिपोर्ट दोपहर 3 बजे के बाद ही मिल पाती है। यानि टेस्टों की रिपोर्ट मिलने में 5 से 6 घंटे लग रहे हैं। ऐसे में अपने कार्य छोड़कर व दूर-दराज से आए लोगों को पूरा दिन लैब टेस्ट करवाने में ही निकल जाता है। विडंबना तो यह है कि जो डाक्टर ब्लड टेस्ट लिखते हैं, मरीज उन्हें उसी दिन टेस्ट रिपोर्ट नहीं दिखा पाते।

लैब में दी गई इन टेस्टों की सुविधा

सिविल अस्पताल की लैब पैथोलॉजी लैब है, जिसमें प्रेगनेंसी, एचआइवी, टायफायड, सीआरपी, सीबीसी, ब्लड काउंट, शुगर और लिपिड प्रोफाइल में 6 से 7 टेस्ट होते हैं। इनमें हार्ट, हाई ब्लड प्रैशर व ब्लड टेस्ट होते हैं। सिविल अस्पताल में लिपिड प्रोफाइल के लिए 100 रुपये ओर सीबीसी टेस्ट के लिए 50 रुपये चार्ज है।

लैब टेक्नीशियन पर वर्कलोड

लैब में काम कर रहे पांच लैब टेक्नीशियन पर कर्मियों की कमी होने से अधिक वर्कलोड है। अपने कार्याें के साथ उन्हें लैब अटेंडेंट का कार्य भी करना पड़ रहा है। लैब टेक्नीशियन को ब्लड के सैंपल लेने के साथ-साथ, क्लेरिकल कार्य, ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट बनाने, ब्लड टेस्टों की रजिस्टर में एंट्री करने और रिपोर्ट बांटने के काम एक साथ करने पड़ते हैं। अधिक वर्कलोड होने के कारण ब्लड टेस्टों की रिपोर्ट में गलती होने और कार्य की क्वालिटी भी प्रभावित होती है। लैब टेक्नीशियन को नियमित मरीजों के लैब टेस्ट करने के साथ-साथ इमरजेंसी केसों में भी बीच में ही टेस्ट करने होते हैं, जिनमें एक से डेढ़ घंटा लग जाता है। वहीं रोड एक्सिडेंट के लिए भी ब्लड सैंपल के लिए जाना पड़ता है।

-----सिविल अस्पताल में थायराइड टेस्ट की सुविधा शुरू करवाने का पूरा प्रयास करेंगे। मंगलवार को ही मैंने ज्वाइन किया है। मरीजों को जो सुविधा नहीं मिल पा रहीं, उन सभी सुविधाओं को शुरू करने का प्रयास करेंगे।

- डा. राजीव, पीएमओ, सिविल अस्पताल, हिसार।


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