मदद मिली तो दिहाड़ी छोड़ रिंग में पहुंची 24 गोल्ड मेडल जीतने वाली रोहतक की खिलाड़ी शिक्षा
मदद मिलने के बाद वुशू खिलाड़ी शिक्षा गांव से रोहतक में आकर ट्रेनिंग लेने लगी हैं। नौ बार नेशनल व 24 बार स्टेट में जीत चुकी है मेडल। अब सपना पूरा करना चाहती हैं।
रोहतक [रतन चंदेल] कभी मजदूरी करने को मजबूर रही रोहतक की राष्ट्रीय वुशू खिलाड़ी शिक्षा अब खुद को मुफलिसी से मुक्त मान रही हैं। 22 वर्षीय शिक्षा सरकार व अन्य नेताओं से आर्थिक सहायता मिलने के बाद सपनों की उड़ान भरने को तैयार है। नए जोश और उत्साह के साथ वे अपने गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर रोहतक के रूपनगर में प्रैक्टिस करने लगी है।
शिक्षा ने वर्ल्ड चैंपियन बनने की अपनी ख्वाहिश को पूरा करने की राह पकड़ ली है और यहां कोच प्रमोद कटारिया के पास प्रैक्टिस कर रही है। इंद्रगढ़ गांव वासी खिलाड़ी शिक्षा ने वुशू में 56 और 60 किलोग्राम भार वर्ग में नौ बार नेशनल जबकि 24 बार स्टेट लेवल पर गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीते हैं। इतने मेडल जीतने वाली खिलाड़ी शिक्षा के आर्थिक हालात पिछले दिनों इतने खराब हो गए कि उनको मजदूरी करने पर मजबूर होना पड़ गया था।
हालांकि घर चलाने के लिए राष्ट्रीय खिलाड़ी ने मजदूरी करने से भी गुरेज नहीं किया। लेकिन उनकी मजदूरी करते हुए तस्वीरें मीडिया में आने के बाद सरकार ने मदद को हाथ आगे बढ़ाए और केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजु ने खिलाड़ी की पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की। इसके अलावा सामाजिक संगठन भी सहायता के लिए आगे आए।
चौटाला देने लगे प्रतिमाह 15 हजार
वहीं, इंडियन नेशनल लोकदल नेता अभय चौटाला ने भी खिलाड़ी को प्रतिमाह 15 हजार देने की घोषणा की है। जबकि इससे पहले वे खिलाड़ी को दस हजार प्रतिमाह दे रहे हैं। जिसे अब बढ़ाकर 15 हजार कर दिया है। शिक्षा ने बताया कि सरकार की ओर से पांच लाख रुपये की सहयोग राशि भेजी गई है। सहयोग मिलने पर लगता है अब मुफलिसी धुल गई है। स्पोर्टस साइंस में बीएससी कर रहीं शिक्षा अब देश के लिए गोल्ड जीतने की तैयारी कर रही हैं। वो अब किसी भी हालत में पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहती हैं।