पक्षियों के लिए बनेगा 21 मंजिला आशियाना, दाना- पानी के साथ इलाज की भी होगी सुविधा
हर मंजिल पर होंगे 12 फ्लैट्स हिंसक जानवरों से बचाने के लिए जमीन से दस फुट ऊंचाई पर बनेगा आशियाना बेंगलुरु में बनाए गए पक्षियों के आशियाने की तर्ज पर यह उत्तर भारत का पहला आशियाना
सिरसा, जेएनएन। आपने इंसानों के लिए तो बहु मंजिला इमारतों को बनते देखा होगा मगर हरियाणा के सिरसा जिले में पक्षियों के लिए सभी सुविधाओं से युक्त 21 मंजिला मेरा आशियाना बनाया जा रहा है। बेंगलुरु में बनाए गए पक्षियों के आशियाने की तर्ज पर यह उत्तर भारत का पहला आशियाना होगा। पक्षियों का आशियाना जमीन से करीब दस फुट ऊंचा होगा, ताकि कुत्ता, बिल्ली जैसे जानवर पक्षियों को नुकसान न पहुंचा सके। इस भवन में पक्षियों के रहने के लिए 252 कमरे बनेंगे, जिनमें रोशनी, हवा का प्रबंध होगा साथ ही समय-समय पर सफाई भी होगी। आशियाने के नीचे पक्षियों के लिए चोगा पानी का प्रबंध होगा, फव्वारे लगाए जाएंगे ताकि गर्मी के मौसम में पक्षी राहत पा सके। घायल पक्षियों के उपचार की भी सुविधा रहेगी।
बेंगलुरु में पक्षियों का आशियाना देख आया मन विचार : चंद्रयश जैन
रानियां रोड पर स्थित जैन समुदाय के संत जिनदत्त सूरी महाराज के ऐतिहासिक दादाबाड़ी मंदिर में पक्षियों के आशियाने का निर्माण किया जा रहा है। आशियाना प्रोजेक्ट के प्रधान चंद्रयश जैन व महासचिव संदीप नाहटा ने बताया कि जैन धर्म जीवों पर दया करने का संदेश देता है। उन्होंने बेंगलुरु में इस तरह का पक्षियों का आशियाना देखा था, जिसके बाद उन्होंने सिरसा में भी इसे बनाने का निर्णय लिया। अब तक आशियाने की आठ मंजिलें बन चुकी है तथा संभवत: अक्टूबर महीने तक यह बनकर तैयार हो जाएगा।
हर मंजिल में होंगे 12 फ्लैट, हवा और रोशनी का होगा प्रबंध
पक्षियों के लिए बनाए जा रहे मेरा आशियाना जमीन से करीब दस फुट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा। 21 मंजिला आशियाने का कुल क्षेत्रफल आठ फुट गुणा आठ फुट तथा ऊंचाई 36 फुट रहेगी। आशियाने की हर मंजिल पर 12 फ्लैट बनेंगे जो एक फुट चौड़े, चार फुट गहरे व पंद्रह इंच ऊंचे होंगे। इस आशियाने में 252 फ्लैट बनेंगे। जिनमें हवा व रोशनी के लिए समुचित प्रबंध है। इनकी सफाई के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। अब तक आठ मंजिलें बन कर तैयार हो चुकी है तथा कार्य तेज गति से जारी है।
घायल पक्षियों के उपचार के लिए भी होगी सुविधा
आशियाना में रहने वाले पक्षियों में से अगर कोई घायल हो जाएगा या बीमार हो जाएगा तो उसके लिए चिकित्सक की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही शहर में कहीं भी कोई पक्षी घायल हो जाएगा तो उसके इलाज का भी यहां प्रबंध होगा।