Move to Jagran APP

20 साल पहले पाबड़ा नहर पर लोगों ने किया था कब्जा, सेटेलाइट से खोज वन विभाग ने छुड़ाया

जागरण संवाददाता हिसार उकलाना 20 वर्ष पहले गैबीपुर में पाबड़ा सिचाई नहर चलती थी जो बा

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 02:08 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 06:10 AM (IST)
20 साल पहले पाबड़ा नहर पर लोगों ने किया था कब्जा, सेटेलाइट से खोज वन विभाग ने छुड़ाया
20 साल पहले पाबड़ा नहर पर लोगों ने किया था कब्जा, सेटेलाइट से खोज वन विभाग ने छुड़ाया

जागरण संवाददाता, हिसार, उकलाना : 20 वर्ष पहले गैबीपुर में पाबड़ा सिचाई नहर चलती थी, जो बाद में बंद हुई तो ग्रामीणों ने इस भूमि पर कब्जा कर लिया। यहां तक कि इस पर निर्माण कार्य भी करवा लिए। यह वन विभाग की जमीन थी। मगर अतिक्रमण के कारण रिकार्ड से गायब थी। ऐसे में अब 20 वर्ष बाद वन विभाग ने इरीगेशन कनाल के दोनों ओर करीब 20 एकड़ जमीन सामने आ गई, जिसमें से 10 एकड़ जमीन को ग्रामीणों से छुड़ाया गया है। खास बात है कि इस काम को करने के लिए वन विभाग को सेटेलाइट व ड्रोन टेक्नॉलोजी की मदद लेनी पड़ी। सिर्फ यह नहीं बल्कि गांव पाली और मसूदपुर में भी वन विभाग ने बुधवार को आठ एकड़ इसी प्रकार की कब्जा की हुई जमीन को छुड़ाया। सेटेलाइट ने ऐसे जमीन खोजने का शुरू हुआ काम

loksabha election banner

जिला वन अधिकारी सुनील ढ़ाका ने बताया कि गैबीपुर के ही किसी व्यक्ति ने सीएम विडो में शिकायत की थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए विभाग ने जब पता लगाया तो मालूम चला कि गैबीपुर में जिस जमीन की बात हो रही है वह इरीगेशन केनाल है जो बंद हो चुकी है। ऐसे में इसके दोनों तरफ की जमीन अब वन विभाग की है। अब जमीन की पैमाइश के लिए वन विभाग ने आधुनिक सेटेलाइन तकनीकि डायरेक्ट ग्लोबल पजेशन सिस्टम की मदद दी। जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि किसानों के खेत कितना है और क्या परिवर्तन हुआ है। इस बात को किसान भी मान गए और जमीन को खाली कर दिया। इसके साथ ही ड्रोन से भी पूरे एरिया को देखा गया। इस काम में पिछले पांच दिन से वन विभाग के स्थानीय रेंजर सुधरी पूनिया अपनी टीम के साथ लगे रहे। जमीन की चौड़ाई कम व लंबाई ज्यादा होने के कारण पैमाइश में समय लग रहा है। कब्जा छुड़ाने के बाद मानसून में लगेंगे पौधे

डीएफओ सुनील ढ़ाका ने बताया कि जल्द ही इस जमीन पर वन विभाग 10 हजार पौधों को रोपित कराएगा, ताकि आने वाले समय में लोगों को इसकी छाया व फल मिले। इसके लिए मानसून में पौधारोपण का कार्य किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.