Move to Jagran APP

धरा के गर्भ से दूसरा जन्म, 60 फीट गहरे बोरवेल से 49 घंटे बाद निकाला गया नदीम, एेसे चला अॉपरेशन

बालसमंद गांव में होलिका दहन के दिन शाम चार बजे बोरवेल में गिरा था बच्‍चा। सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। जश्‍न से नाच उठे लोग।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:02 AM (IST)
धरा के गर्भ से दूसरा जन्म, 60 फीट गहरे बोरवेल से 49 घंटे बाद निकाला गया नदीम, एेसे चला अॉपरेशन
धरा के गर्भ से दूसरा जन्म, 60 फीट गहरे बोरवेल से 49 घंटे बाद निकाला गया नदीम, एेसे चला अॉपरेशन

जेएनएन, हिसार।  होलिका दहन के दिन यानी बुधवार शाम साढ़े चार बजे हिसार के गांव बालसमंद में 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 15 महीने के नदीम को 49 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया। शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे आर्मी और NDRF की टीम ने बच्चे को बाहर निकालते ही कपड़े में लपेटा और उसके तुरंत बाद एंबुलेंस से अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के लिए भेज दिया गया।

loksabha election banner

बच्चे को बाहर निकालने के दौरान सुबह से घटनास्थल पर जुटी भीड़ उत्साह से भर गई और तालियां बजाकर आर्मी टीम का स्वागत किया। पुलिस के जवानों ने स्थिति को संभाला और भीड़ को पीछे हटाते हुए बच्चे को एंबुलेंस तक पहुंचाया। करीब सात गाडिय़ों का काफिला एंबुलेंस टीम के साथ निकला और अग्रोहा मेडिकल कॉलेज तक रोड को एक तरह से खाली कराया गया।

करीब 35 मिनट बाद ही एंबुलेंस अग्रोहा मेडिकल कॉलेज पहुंच गई। नदीम की मां गुलशन, पिता आजम खान और अन्य परिजन भी अग्रोहा मेडिकल पहुंच गए। नदीम का वहां इलाज चल रहा है, चिकित्सकों के अनुसार नदीम पूरी तरह सुरक्षित है, मगर उसे फिर भी आइसीयू में रखा जाएगा। उधर नदीम की दादी जरीना ने नदीम के बाहर आने पर गांव में थाली बजाते हुए जश्न मनाया और कहा कि उनके लाल का पुन: जन्म हुआ है।

इस तरह चला तीन दिनों तक ऑपरेशन

पहला दिन: -बुधवार शाम

  • 4:30 - नदीम बोरवेल में गिरा
  • 4:40 - बहन साजिदा ने अम्मी को सूचित किया
  • 5:00 - पिता ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस को घटना की जानकारी दी
  • 5:30 - ग्रामीण और पुलिस मौके पर पहुंचे
  • 7:00 - डीसी, एसपी, एडीसी, एसडीएम सहित प्रशासनिक अमला पहुंचा, सेना की मदद मांगी
  • 8:00 - सेना पहुंची और 45 मिनट बाद बचाव कार्य शुरू किया
  • 11: 00 - गाजियाबाद से NDRF की टीम पहुंची
  • 11:10 - मिनट पर डीसी-एसपी टीम को निर्देश देकर बालसमंद से निकले
  •  बोरवेल में वीएलसी कैमरा डालकर एंबुलेंस में रखी एलईडी पर डॉक्टर की निगाहें डटी रही। बच्चे की मूवमेंट पर नजर रखी गई।
  • रातभर खोदाई जारी रही, शुक्रवार की सुबह 30 फीट तक खोदाई कर ली गई। प्रशासन ने बिस्कुट और दूध नीचे भेजा मगर नदीम ने न कुछ खाया न कुछ पीया।

दूसरा दिन वीरवार

  • 9 : 00 सुबह : नदीम ने तीन बिस्कुट खाए
  • 11: 00 - डीसी एसपी मौके पर पहुंचे।
  • 1: 00 बजे दोपहर - बच्चे को NDRF टीम ने बोरवेल से इक्यूपमेंट से खींचकर निकालने का प्रयास किया, कामयाबी नहीं मिली।
  • 2: 00 बजे दोपहर : बच्चे के पास दूध भेजा गया, मगर उसने दूध नहीं पीया।
  • 3: 00 बजे- बच्चे के पास जूस भेजा गया जिसे उसने पी लिया।
  • 1: 00 रात - 41 फीट खोदाई कर ली गई। इसके बाद जेसीबी मशीनों से काम करना संभव नहीं था। मिट्टी ढह न जाए, इसके लिए लोहे के औजार हाथों से खोदाई शुरू की गई।
  • 1: 45 - 45 फीट पर पहुंचने के बाद मिट्टी ढह गई और फिर से इसे बाहर निकाला गया। इसके बाद फिर खोदाई शुरू हुई।
  • 2:00 बजे-सुरंग खोदने का काम शुरू किया और सुबह होने तक करीब 15 फीट तक सुरंग खोद ली गई।

तीसरा दिन शुक्रवार

  • 8:00 बजे सुबह डीसी व एसपी घटनास्थल पर पहुंचे
  • 10 : 00 बजे सुरंग की खोदाई 18 फीट तक कर ली गई
  • 12 :00 दोपहर तक 21 फीट तक सुरंग खोद ली गई।
  • 2:00 दोपहर तक 26 फीट सुरंग खोद ली गई, मगर बच्चा नहीं मिला।
  • 2:20 पर डीसी ने पत्रकार वार्ता की और एक्जेक्ट लोकेशन मशीन से बच्चे की लोकेशन मिलने की जानकारी दी।
  • 3:00- बच्चे की लोकेशन की ओर फिर से खोदाई का काम शुरू हुआ और सुरंग को पांच से छह फीट तक खोदा गया।
  • 5:20 पर शाम को बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

आर्मी के हाथों में देखा बच्चा तो लगाए भारत माता के नारे

जैसे ही नदीम को आर्मी के लोगों ने सुरंग से बाहर निकाला तो वहां पर मौजूद करीब एक हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ उमंग और उत्साह से भर गई। नदीम को आर्मी के हाथों में देख सभी लोग तालियां बजाने लगे। पुलिस के लिए भी स्थिति को काबू करना मुश्किल हो गया और लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए।

नदीम के लिए ग्रामीणों ने नहीं मनाई होली

होली का त्योहार होने के कारण गांव में हर्षोल्लास का माहौल था। सभी लोग एक दूसरे को होली की बधाई दे रहे थे। बुधवार को करीब पांच बजे जैसे ही ग्रामीणों को बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली तो वे घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। रातभर ग्रामीण बच्चे की सलामती की दुआ करते नजर आए। वह बच्चे के परिवार के साथ पूरी रात खड़े रहे और सांत्वना देते रहे। लोगों ने अगले दिन होली भी नहीं खेली।

45 डिग्री तापमान में 49 घंटे गुजारे

15 माह के मासूम नदीम ने 45 डिग्री तापमान पर 49 घंटे गुजार दिए। इस तापमान पर सेना और NDRF के जवानों का हौसला भी जवाब दे रहा था। उसने रोने के साथ-साथ अपनी अम्मी को पुकारा। नन्हे नदीम को बोरवेल से बाहर निकालने से पहले उसके शरीर के तापमान को बाहरी तापमान के अनुरूप बनाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में चिकित्सकों को 20 मिनट का वक्त लगा, क्योंकि 49 घंटे से नदीम जिस बोरवेल में फंसा हुआ था, उसका तापमान 45 डिग्री के आसपास था। इस कारण उसके शरीर का तापमान अस्थिर हो गया था। जिस उमस और गर्मी भरे माहौल से नदीम गुजरना पड़ा, उसी तापमान ने सेना और NDRF के जवानों के हौसले की कड़ी परीक्षा ली।  अत्याधुनिक मशीन एनडीडी मिलने से समय रहते मिशन कामयाब हो सका। यह एक तरह का रडार सिस्टम होता है।

जैसे ही सेना के अधिकारी नदीम को बाहर लेकर आए तो भारत माता की जय, भारतीय सेना ङ्क्षजदाबाद और पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारों से गांव गूंज उठा। बोरवेल से नदीम को कपड़े में लपेट कर बाहर लाने वाले जवानों को ग्रामीणों ने कंधों पर उठा लिया। सेना के जवान पंजाब के बिट्टू ने बस इतना कहा कि हम जीत गए, बच्चा ठीक है। दस मिनट तक एंबुलेंस को मौके पर खड़ा रखा और चिकित्सकों ने नदीम के स्वास्थ्य की जांच की। जांच के साथ ही नदीम के दादा और अन्य परिजनों को नदीम से मिलवाया। अधिकारी नदीम की मां गुलशन, पिता आजम अली सहित परिवार के तीन सदस्यों को अपने साथ अग्रोहा मेडिकल ले गए, ताकि वह नदीम के साथ रहे सके।

GPS फेल हुआ तो आई रडार की याद

शुक्रवार को GPS सिस्टम बोरवेल की गहराई ज्यादा होने पर काम छोड़ गया। ऐसे में उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने हिसार की जांगडा कंस्ट्रक्शन कंपनी के लोगों को बुलाया गया। जिन्होंने सही स्थिति और लोकेशन अधिकारियों को दी। टोटल लोकेशन मशीन ने सही दिशा दी और प्रशासन ने काम शुरू किए रखा। काम को गति पकड़वाने के लिए रडार बेस एचडीडी मशीन मंगवाई गई। क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों के पास जो मशीनें हैं,  उनको कर्मचारी व अधिकारी पूरी तरह से चलाना तक नहीं जानते। ऐसे में प्राइवेट कंपनी रियलाइंस जियो का सहारा प्रशासनिक अधिकारियों लेना पड़ा।

रिलाइंस जियो के साथ हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई। रियलाइंस जियो और हरसेक के अधिकारियों ने तीन घंटे संयुक्त रूप से अभियान में योगदान दिया। जिसकी बदौलत सेना और NDRF के जवान नदीम को बाहर निकालने में कामयाब रहे। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा को जब जानकारी मिली की बीएसएनएल के अधिकारियों के पास भी रियलाइंस जियो जैसी मशीन हैं। उपायुक्त इससे गुस्सा हो गए और जानकारी नहीं देने पर बीएसएनएल अधिकारियों को फटकार लगाई।

साढ़े छह घंटे में इन मशीनों ने अभियान की बदल दी दिशा

पूरे अभियान में तीन मशीनों का प्रयोग किया गया। पहली मशीन GPS सिस्टम था। जो गहराई ज्यादा होने के कारण मार खा गई।

इसके बाद ईटीएस

इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन मशीन (ईटीएस) उस मशीन का नाम है। जिससे अब जमीन सीमांकन किया जाने लगा है। यह लेजर बेस मशीन है।

इस प्रकार मशीन ने किया काम

ईटीएस मशीन से बोरवेल और खुदाई की जगह दोनों के बीच का एंगल सेट किया गया। इसी मशीन से बोरवेल और खुदाई की जगह की गहराई नापी गई। ताकि गहराई को लेकर कोई परेशानी नहीं आए।
एचडीडी :  एचडीडी मशीन का प्रयोग भूमिगत केबल आदि खोजने व डालने में किया जाता है। रडार बेस यह मशीन गहराई में काम करती है।

इस प्रकार मशीन ने किया काम

एक मशीन बोरवेल के साथ उपर स्तर पर लगाई गई। जबकि दूसरे उपकरण जो एक छड़ी के जैसा था। उसे गहराई में खोद जा रहे तीन गुणा तीन के गड्ढे में लगा दिया गया। इससे बोरवेल की दिशा को केंद्रित किया गया।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.