गुजवि में हुई कार्यशाला में बताए वैदिक गणित के 16 मुख्य सूत्र और 13 उपसूत्र
जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के ट्रे¨नग एंड प्लेसमेंट सेल एवं गणित विभाग
जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के ट्रे¨नग एंड प्लेसमेंट सेल एवं गणित विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 'वैदिक मैथमैटिक्स की उपयोगिता और व्यापकता' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चौधरी रणबीर ¨सह सभागार में किया गया। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशपाल ¨सगला कार्यशाला के शुभारंभ समारोह में बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। वैदिक गणित विशेषज्ञ राकेश भाटिया और मारुति शर्मा ने अलग अलग सत्रों में वैदिक गणित के 16 मुख्य सूत्रों और 13 उपसूत्रों की जानकारी दी। बताया कि भारती कृष्ण तीर्थ महाराज ने 1911 से 1918 के मध्य अपने प्राचीन वेदों का गहन अध्ययन किया और वैदिक गणित की रचना की। वैदिक गणित की गणितीय समस्या को हल करने की अनेक विधियां हैं, जिनके प्रयोग से उत्साह, आनंद, विश्वास और अनुसंधान प्रवृत्ति का जागरण होता है। इस पद्धति में उत्तर की सरल जांच पद्धति सहज रूप में समाविष्ट है। 'निखिलं नवत: चरमं दशत:','ऊर्ध्व तिर्यग्भ्याम','एकाधिकेन पूर्वेण'और 'यावदूनम तावदूनम वर्ग च योजयेत' जैसे प्रसिद्ध सूत्रों की जानकारी और उन पर आधारित गणनाओं का अभ्यास विद्यार्थियों ने किया। दूसरे विशेषज्ञ मारुती शर्मा ने प्रतियोगी प्रतियोगिताओं में वैदिक गणित की उपयोगिता की चर्चा की और प्राइम नंबर से संबंधित विभिन्न प्रॉब्लम्स को वैदिक गणित के सूत्रों से हल करना सिखाया।
--- कार्यशाला में 200 विद्यार्थियों ने लिया भाग
परीक्षा नियंत्रक डा. यशपाल ¨सगला ने बताया कि गणित विषय सभी विषयों का आधार है। इस विषय को पूरी रुचि और आनंद से सीखने में वैदिक गणित उपयोगी भूमिका निभा सकता है। प्लेसमेंट निदेशक प्रताप ¨सह मलिक ने अपने बताया कि कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान ट्रे¨नग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर संजय ¨सह, असिस्टेंट प्रोफेसर और कार्यशाला के संयोजक डा. संदीप ¨सह भी मौजूद रहे।