Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1500 करोड़ फर्जीवाड़ा :सेंट्रल GST विभाग को शक, गिफ्ट कार्ड से जुड़ी फर्मों ने लिया टैक्स रिफंड

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Tue, 30 Jun 2020 09:55 AM (IST)

    गिफ्ट कार्डों का प्रयोग किया जा रहा था। इस दौरान हजारों करोड़ रुपये के फर्जी बिल भी कटे होंगे। क्योंकि इस काम को करने वाले हर तरह से इन कार्डों का लेनदेन में प्रयोग कर रहे थे।

    Hero Image
    1500 करोड़ फर्जीवाड़ा :सेंट्रल GST विभाग को शक, गिफ्ट कार्ड से जुड़ी फर्मों ने लिया टैक्स रिफंड

    हिसार, जेएनएन। पिछले डेढ़ से दो वर्षों से लगातार गिफ्ट कार्डों का प्रयोग किया जा रहा था। इस दौरान हजारों करोड़ रुपये के फर्जी बिल भी कटे होंगे। क्योंकि इस काम को करने वाले हर तरह से इन कार्डों का लेनदेन में प्रयोग कर रहे थे। ऐसे में सेंट्रल जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) विभाग को शक है कि इन्हीं बिलों के माध्यम से न जाने कितनी फर्मों या बिचौलियों ने टैक्स रिफंड भी क्लेम किया होगा। विभाग पहले ही दिन से यह शक जता रहा है कि फर्जी फर्मों ने फर्जी क्रेडिट को पास कर आइजीएसटी (इंटीग्रेटिड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में हो सकता है कि गड़बड़ी की हो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट के लिए आइजीएसटी का भुगतान करना होता है। इसके बाद माल पर संबंधित व्यापारी रिफंड क्लेम करता है। ऐसे में विभाग की जांच इस ओर भी चल रही है। हालांकि यह तो तथ्य सामने आने के बाद ही साफ हो सकेगा कि और कौन-कौन से माध्यम थे, जिसके जरिए यह फर्जीवाड़ा होता रहा।

    फर्मों से हो सकती है रिकवरी

    विभागीय सूत्रों की मानें तो वह अब बड़े स्तर पर इन फर्मों से रिकवरी की तैयारी कर रहे हैं। काफी हद तक इन फर्मों का चि_ा तैयार भी कर लिया गया है। जिसमें हिसार व फतेहाबाद से जुड़ी फर्में शामिल हैं। सभी को जांच में शामिल होने के लिए पहले ही लिख दिया गया है। इसके साथ ही पूर्व में एक करोड़ रुपये से अधिक का वस्तु एवं सेवा कर पहले ही भरवा लिया गया था। अधिकारियों ने जीएसटी चोरी का आकलन करने में सोमवार को भी अपने कार्यालय में देर सायं तक जुटे दिखाई दिए।

    ये है गिफ्ट कार्ड फर्जीवाड़ा प्रकरण

    हिसार, फतेहाबाद, सिरसा व जींद की कुछ फर्में सेंट्रल जीएसटी विभाग के निगाह में आईं, जिन्होंने करोड़ों रुपये का लेनदेन किया हुआ था। यह लेनदेन गिफ्ट कार्ड के माध्यम से किया गया, जिसमें सरकार को कमीशन पर मिलने वाला 18 फीसद जीएसटी भी नहीं मिला। इसके साथ ही कुछ अन्य अनियमितताएं भी इसमें सामने आईं हैं।