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सयुंक्‍त राष्‍ट्र में ढाई मिनट में 90 देशों के प्रतिनिधियों का मन मोह गई हिसार की 14 वर्षीय सिया

आयोजन में यूनाइटेड नेशंस इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च (यूएनआइटीएआर) और इसमें 90 देशों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। सिया ने विश्व को पर्यावरण प्रदूषण से बचाने पर बोला

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 10:30 AM (IST)
सयुंक्‍त राष्‍ट्र में ढाई मिनट में 90 देशों के प्रतिनिधियों का मन मोह गई हिसार की 14 वर्षीय सिया
सयुंक्‍त राष्‍ट्र में ढाई मिनट में 90 देशों के प्रतिनिधियों का मन मोह गई हिसार की 14 वर्षीय सिया

हिसार [पवन सिरोवा] सयुंक्‍त राष्‍ट्र में पर्यावरण विषय पर भावुक और आक्रोषित टिप्‍पणी कर सौलह वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग दुनिया भर में चर्चा में है। मगर अब भारत में भी ऐसी ही एक बेटी सामने आई है, जिसने पर्यावरण पर बोल सयुंक्‍त राष्‍ट्र संघ में सबका मन माेह लिया। हम बात कर रहे हैं हरियाणा के हिसार की चौदह वर्षीय बेटी सिया तायल की।

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जो जिनेवा में स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में विश्व के प्रतिनिधियों के सामने अपने संबोधन में पर्यावरण बचाने का संदेश दे रही थी। पूरा सदन मंत्रमुग्ध होकर सुन रहा था। सिया को सिर्फ ढाई मिनट का समय मिला था। उसने इसी अल्प समय में अपने विचारों को इतने प्रभावी ढंग प्रस्तुत किया कि सभी प्रतिनिधि खुद को तालियां बजाने से नहीं रोक सके। यह आयोजन किया था यूनाइटेड नेशंस इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च (यूएनआइटीएआर) ने और इसमें 90 देशों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।

सिया ने विश्व को पर्यावरण प्रदूषण से बचाने के लिए सभी की भागीदारी पर बल दिया। उसने दुनिया से आग्रह किया कि सभी कपड़े के थैले का उपयोग करें। सिया ने हिसार में बने कपड़े के थैले को प्रदर्शित करते हुए इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र के इस मंच पर विश्व के 8 देशों के प्रतिभागियों को संबोधन देने का मौका मिला। इसमें भारत की सिया सबसे कम उम्र 14 साल की थी। सिया गुरुग्राम के श्रीराम अरावली स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा हैं।

सिया ने आठ साल की उम्र में पर्यावरण बचाने का संकल्प ले लिया था और तभी से वह पॉलिथिन के उपयोग को रोकने का प्रयास कर रही हैं। उसने कपड़े के थैले बनाने के लिए हिसार के गांव जुगलान की महिलाओं और लड़कियों को प्रेरित किया। सिया के प्रयास को देखकर मुम्बई की डीएस टेक्सटाइल व दूसरे कपड़ा व्यापारियों ने उसे मुफ्त में कपड़ा उपलब्ध करवाना शुरू किया।

एक एनजीओ से जुड़कर सिया ने थैले के वितरण का कार्य शुरू किया। अब तक देश व विदेश में अपने स्तर पर तैयार कराकर सिया हजारों थैले भेज चुकी हैं। उनकी मुहिम जब डिजीज मैनेजमेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएमएआइ) के राजेन्द्र प्रताप की नजरों में आई तो उन्होंने सिया तायल का नाम संयुक्त राष्ट्र के युवा नेतृत्व प्रोग्राम के लिए प्रस्तावित किया। सिया के कार्य से प्रभावित होकर यूएन टीम ने उन्हें प्रोग्राम में संबोधन देने के लिए चयनित किया।

संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य सिया जैसे 10 लाख स्वंयसेवी कार्यकर्ता तैयार करना

1 एम 2030 नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2030 तक सिया तायल जैसे दस लाख स्वयंसेवी कार्यकर्ता पूरी दुनिया में तैयार करने का लक्ष्य रखा है। ये स्वंयसेवी कार्यकर्ता विश्व में पर्यावरण बचाव के लिए कार्य करेंगे।


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