दोस्त का कटा हाथ तो अंकित ने बनाया दिया यह अनोखा हैंड, जापान तो छाया जलवा
साइंस एन्कलेव में अंकित ने इस मॉडल का प्रदर्शन किया था। अंकित के मॉडल को मई में जापान के साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए आमंत्रित किया गया है।दिव्यांगों के लिए ये वरदान साबित होगा
हिसार [ संदीप बिश्नोई] आवश्यकता अविष्कार की जननी है, ये सब जानते हैं। मगर एक दोस्त ने अपनी नहीं बल्कि दूसरे दोस्त की आवश्यकता के लिए अविकष्कार कर डाला। अंकित ने अपने दोस्त का कटा हाथ देखा तो उसके लिए रोबोटिक हाथ बना दिया। दरअसल टीचर ने अंकित से कहा था कि आप ऐसा रोबोट हैंड (हाथ) बनाओ, जो किसी चीज को अच्छे से पकड़ सके और लिखने सहित कई काम कर सके। उसकी कलाई भी मुड़े और घूमे। अंकित ने कुछ ही समय में अपने टीचर की सहायता से एक रोबोटिक हाथ तैयार कर दिया, लेकिन यह काम चलाऊ हाथ था। इसके बाद टीचर ने उसे स्कूल के एक ऐसे विद्यार्थी से मिलवाया। उसका हाथ कटा हुआ था और कहा कि देश में 97 फीसद दिव्यांग ऐसे हैं, जो रोबोटिक हाथ जैसे महंगे उपकरण खरीदने में सक्षम नहीं हैं।
इसलिए आपका बनाया रोबोटिक हाथ ऐसा होना चाहिए जो आपके इस दोस्त और इस जैसे अन्य लोगों के काम आ सके। इससे प्रोत्साहित अंकित ने रोबोटिक हाथ पर फिर से काम शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में उसने एक ऐसा रोबोट हैंड बना दिया, जिसे उसका दोस्त जूते के लेसिज तक बांध सकता है।
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में आयोजित साइंस एन्कलेव में अंकित ने इस मॉडल का प्रदर्शन किया था। अंकित के इस मॉडल को मई में जापान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित होने वाले सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए आमंत्रित किया गया है। इससे पहले 14-15 फरवरी को वह राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड के लिए भी इस मॉडल का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस रोबोटिक हैंड से जूते के फीते भी बांध सकते हैं
अंकित के अनुसार इस रोबोटिक हाथ की ग्रिप बेहद शानदार है। इस हाथ से लिखा भी जा सकता है और चम्मच से खाना भी खाया जा सकता है। इंसानों की तरह ही इस रोबोटिक हाथ की उंगलियां हिलती हैं। छोटे से छोटा स्क्रू भी यह हाथ उठा देगा और जूते के फीते भी इस हाथ की मदद से बांधे जा सकते हैं। अंकित ने बताया कि इसे बनाने में तीन गीयर्ड मोटर, सर्जिक्ल गलव्स, दरवाजे में लगने वाले कब्जे, मैटल की रॉड सहित कुछ अन्य सामान इस्तेमाल किया गया है, जिसकी कीमत बाजार में 1500 से 2000 रुपये के बीच है।
रोबोटिक हैंड से जूते के फीते बांधते हुए अंकित
जिंदल स्कूल का विद्यार्थी रहा है अंकित
अंकित वर्तमान में दिल्ली से 12वीं कर रहा है। इससे पहले हिसार के ओपी जिंदल स्कूल से 10वीं की। इसी दौरान यह मॉडल बनाया था। यहीं से इंस्पायर अवार्ड के लिए चुना गया था। अंकित ने कहा कि दोस्त रवि से मिले प्रोत्साहन के कारण ऐसा हो पाया। देश में लेबर तबके के लोग विभिन्न घटनाओं में अपने अंग खो देते हैं। ये लोग बाजार में उपलब्ध महंगे उपकरणों को नहीं खरीद पाते। बाजार में इस तरह के रोबोटिक हैंड 2 लाख रुपये तक के आते हैं। इसलिए इन लोगों के लिए अच्छे, सस्ते व टिकाऊ मेडिकल उपकरणों की जरूरत है। मेरा बनाया हाथ 1500 से 2 हजार रुपये में तैयार हो सकता है।
विद्यार्थियों को समस्याएं बताकर सुलझाने के लिए प्रोत्साहित करें : टंकेश्वर
गुजवि के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के अनुसार विद्यार्थी कई बार इनोवेटिव आइडिया पर काम करते हैं, लेकिन अधिकांश इसलिए करते हैं कि उन्हें टीचर ने यह काम करने को कहा है। वे जैसे-तैसे अपना मॉडल या प्रोजेक्ट पूरा भी कर लेते हैं, लेकिन विद्यार्थियों को समाज की समस्याओं को सीधे सामने रखकर बताया जाए कि किस तरीके से आपके द्वारा किया जा रहा काम लोगों की जिंदगी बदल सकता है, तो यकीन मानिए विद्यार्थी उस काम को करने में जी-जान लगा देते हैं और एक नई इनोवेशन निकल कर आती है। विद्यार्थियों को इसी तरह के प्रोत्साहन की जरूरत है।