नकली चोट प्रकरण में डॉक्टर सहित दो को 10-10 साल कैद
हिसार के बहुचर्चित नकली नोट मामले मेें अदालत ने एक डाक्टर सहित दो लाेगों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। उन पर 1.10-1.10 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है।
हिसार। यहां के बहुचर्चित ' नकली चोट असली नोट ' प्रकरण में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अलका मलिक की अदालत ने एक डाक्टर सहित दो लोगों को 10-10 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। दोनाें पर एक लाख 10 हजार का जुर्माना भी किया गया है। दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया।
दाेनों को 1.10-1.10 लाख रुपये का जुर्माना भी, दो आराेपियों को किया बरी
सजा पाने वालों में सामान्य अस्पताल के तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूप सिंह व राजस्थान के दुमकी गांव निवासी जयवीर शामिल हैं। डॉ. भूप सिंह को प्रदेश सरकार पहले ही बर्खास्त कर चुकी है। जुर्माने की राशि में से दो लाख रुपये एडवोकेट हरदीप को हर्जाने के तौर पर मिलेंगे। मामले के दो आरोपी भिवानी के मंढोली कलां गांव निवासी समुंद्र व जुई कलां गांव निवासी मनोज को बरी कर दिया गया है।
इस बारे में शहर थाना पुलिस ने 16 अप्रैल, 2010 को राजस्थान के धानोटी गांव निवासी एडवोकेट हरदीप की शिकायत पर डॉ. भूप सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में एडवोकेट हरदीप ने बताया था कि उनका भाई पवन कुमार सिवानी क्षेत्र के गुरेरा गांव की एक बीज फैक्टरी में सुरक्षाकर्मी के तौर पर तैनात था।
उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर, 2009 को मनोज, समुंदर, जयवीर और अन्य वहां पर आए और पुरानी रंजिश के कारण उसके साथ हाथापाई की। इसके बाद वे उसे धमकी देते हुए चले गए। इसके बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत सिवानी पुलिस को दी।
पुलिस को दी शिकायत में कहा गया है कि इन लोगों ने सामान्य अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूप सिंह से मिलीभगत करके जयबीर को नकली चोट मारी और हत्या के प्रयास के मामले में फंसाने की साजिश रची। उन्होंने पुलिस में हत्या के प्रयास की एफआईआर दर्ज करवाई। बाद में जब पुलिस ने पुलिस ने पूरे मामले की जांच की ताे सच्चाई सामने आ गई और फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।