बॉर्डर से फिर निराश होकर लौटे श्रमिक
सीमावर्ती इलाकों के नाकों पर सख्ती की वजह से सैकड़ों श्रमिक सोमवार को भी निराश होकर लौट गए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सीमावर्ती इलाकों के नाकों पर सख्ती की वजह से सैकड़ों श्रमिक सोमवार को भी निराश होकर लौट गए। गुरुग्राम पुलिस ने उन्हें अपनी सीमा में एक कदम भी नहीं रखने दिया। सभी विनती करते रहे लेकिन गुरुग्राम पुलिस ने उनकी एक न सुनी।
गुरुग्राम के उद्योग विहार इलाके में काम करने वाले हजारों श्रमिक दिल्ली के सालापुर, कापसहेड़ा, रजोकरी एवं बिजवासन आदि इलाके में रहते हैं। वे सोमवार को भी काम करने के लिए कापसहेड़ा एवं सालापुर बॉर्डर तक पहुंचे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। दिल्ली में रहने वाले अधिकतर श्रमिक कापसहेड़ा एवं सालापुर बॉर्डर से ही गुरुग्राम सीमा में प्रवेश करते हैं। इन दोनों बॉर्डर पर सबसे अधिक सख्ती बरती जा रही है। ई-पास वाले वाहनों की भी बहुत ही बारीकी से जांच की जाती है।
सहायक पुलिस आयुक्त (उद्योग) बिरम सिंह कहते हैं कि रविवार को छोड़कर प्रतिदिन काफी संख्या में श्रमिक सीमावर्ती इलाकों के नाकों तक पहुंचते हैं लेकिन उन्हें वहीं रोक दिया जाता है। ईद का त्यौहार होने के बाद भी सोमवार सुबह काफी संख्या में श्रमिक पहुंचे लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर लौटा दिया गया। बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक होने की वजह से गुरुग्राम के जिलाधीश अमित खत्री ने गुरुग्राम-दिल्ली के बीच रुटीन में आवाजाही कम करने के लिए आदेश जारी रखा है कि जो लोग गुरुग्राम में काम करते हैं वे गुरुग्राम में ही रहें और जो लोग दिल्ली में काम करते हैं वे दिल्ली में ही रहें।
इस आदेश की मार उद्योग विहार की औद्योगिक इकाइयों पर पड़ रही है। उनमें काम करने वाले श्रमिक गुरुग्राम सीमा में प्रवेश ही नहीं कर पा रहे हैं। वे प्रतिदिन काम करने के लिए घर से निकलते हैं लेकिन गुरुग्राम पुलिस जिलाधीश के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें लौटा देती है।