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इंडस्ट्रियल हब उद्योग विहार में जल संकट की आहट

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम गर्मी की दस्तक के साथ ही प्रदेश के महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल हब उद्योग विह

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 03:00 AM (IST)
इंडस्ट्रियल हब उद्योग विहार में जल संकट की आहट
इंडस्ट्रियल हब उद्योग विहार में जल संकट की आहट

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम

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गर्मी की दस्तक के साथ ही प्रदेश के महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल हब उद्योग विहार में जल संकट की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उद्यमियों का कहना है कि वह हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) को नियमित रूप से वाटर टैक्स चुकाते हैं। इसके बावजूद जरूरत के मुताबिक पानी उपलब्ध नहीं होता। प्यास बुझाने के लिए टैंकरों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। फेज-1 व फेज-5 में पानी की सबसे अधिक किल्लत है। पानी के मुद्दे पर उद्यमियों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से लेकर प्रदेश सरकार के नुमाइंदों तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उद्योग विहार में करीब तीन हजार औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ आइटी-आइटीईएस कंपनियां भी हैं। यहां साल-दर-साल पानी से की समस्या बढ़ती जा रही है। उद्यमी कमलेश्वर ¨सगला का कहना है कि सर्दी के दिनों में भी पानी के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है। उद्यमी हरीश शर्मा का बताते हैं कि उद्योग विहार में तीन लाख से अधिक लोग काम करते हैं। यहां के हर फेज में यह परेशानी है। टैंकर वाले पानी के लिए मनमाना रेट वसूलते हैं। यहां 800 से 1000 रुपये प्रति टैंकर के हिसाब से पानी मंगाना पड़ता है। एचएसआइआइडीसी को पानी का शुल्क चुकाने के बाद भी उद्यमियों को हर माह लाखों रुपये पानी पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।

क्षेत्रफल के अनुसार लिया जाता है वाटर टैक्स

एचएसआइआइडीसी द्वारा इंडस्ट्रियल यूनिटों से क्षेत्रफल के अनुसार वाटर टैक्स लिया जाता है। 150 मीटर क्षेत्रफल वाली औद्योगिक इकाई से 540 रुपये, 200 मीटर से 675 रुपये, 500 मीटर से 1400 रुपये, 1000 मीटर से 3675 रुपये, 2000 मीटर से 7000 रुपये व एक एकड़ वाली इंडस्ट्रियल यूनिट से 15,000 रुपये का वाटर टैक्स हर माह लिया जाता है। उद्यमियों का कहना है कि रेट अधिक है इसमें कमी की प्रदेश सरकार से मांग भी की गई है। एचएसआइआइडीसी अधिकारियों का कहना है कि सितंबर, 2017 से नवंबर, 2017 के बीच उद्योग विहार में 203212 किलोलीटर पानी की आपूर्ति हुडा के नहरी पानी से की गई है। उद्योग विहार फेज-1 और 5 में पानी को लेकर दिक्कत अधिक है। फेज-1 में पानी की किल्लत की सबसे बड़ी वजह डूंडाहेड़ा गांव को जलापूर्ति है। जबकि यह पानी सिर्फ इंडस्ट्री में सप्लाई होना चाहिए। एचएसआइआइडीसी से वाटरहेड टैंक की क्षमता को बढ़ाने की मांग की जा रही है। ऐसा होने से अधिक पानी जरूरत के हिसाब से स्टोर किया जा सकता है।

कर्नल राज ¨सघला, उद्यमी इंडस्ट्रियल हब उद्योग विहार में सर्दी के मौसम में भी पानी किल्लत रहती है। अब गर्मी की दस्तक से साथ ही यह परेशानी और बढ़ने लगी है। टैंकरों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह नए निवेश से पहले औद्योगिक एरिया में बेहतर जलापूर्ति की व्यवस्था करे।

किशन कपूर, चेयरमैन हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन उद्योग विहार में सर्दी के दिनों में भी पानी की समस्या रहती है। गर्मी की आहट के साथ परेशानी बढ़ती दिख रही है। टैंकरों पर बढ़ती निर्भरता औद्योगिक सेहत के लिए ठीक नहीं है। उद्योग जगत को हर माह लाखों रुपये पानी पर खर्च करने पड़ते हैं।

प्रवीन यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन।


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