गौशाला परिसर में आइसोलेशन सेंटर की योजना का विरोध
पटौदी के ग्राम भोडा कलां स्थित विकलांग गौशाला में चल रहे नीलकंठ अस्पताल को आइसोलेशन सेंटर बदलने की जानकारी आते ही ग्रामीण विरोध पर उतर आए। रविवार शाम छह बजे अनेक लोग गौशाला परिसर में एकत्र हुए व चिकित्सकों के सामने अपना विरोध जताया।
संवाद सहयोगी, पटौदी: पटौदी के ग्राम भोड़ाकलां स्थित विकलांग गौशाला में चल रहे नीलकंठ अस्पताल को आइसोलेशन सेंटर बदलने की जानकारी आते ही ग्रामीण विरोध पर उतर आए। रविवार शाम छह बजे बहुत से लोग गौशाला परिसर में एकत्र हुए व चिकित्सकों के सामने अपना विरोध जताया।
मालूम हो कि प्राचीन हनुमान मंदिर परिसर में भूतल पर गायों की गौशाला बनी हुई है व प्रथम तल पर अस्पताल बना हुआ है। इस अस्पताल को गौशाला के लोगों ने किसी को किराए पर दिया था व वे पिछले कुछ समय से इसे नीलकंठ अस्पताल के नाम से चला रहे थे। बाद में जिला प्रशासन ने इसे क्वारंटाइन सेंटर बना दिया था व इसमें संदिग्ध कोरोना रोगियों को रखा जाता था परन्तु उनके पॉजिटिव आने पर उसे गुरुग्राम सेक्टर दस के अस्पताल में भेज दिया जाता था।
जिले में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ने के साथ ही जिला प्रशासन ने कुछ अन्य अस्पतालों को भी आइसोलेशन सेंटर बनाने की योजना बनाई है। इसी कड़ी में इस अस्पताल को भी आइसोलेशन सेंटर बनाये जाने की योजना थी ताकि उसमें कोरोना रोगियों को रखा जा सके। भवन व ऑक्सीजन चढ़ाने के लिए इसमें तीस बेड में पॉइंट बने हुए हैं। ऐसे में प्रशासन को यह एक बेहतर अस्पताल लग रहा था। जिला पार्षद सुशील चौहान, सरपंच यजवेंद्र गोगली, गौशाला प्रधान महेश सैनी व समाजसेवी डॉक्टर श्यामबीर चौहान ने कहा प्रशासन ने हमारी बात नहीं सुनी तो ग्रामीण आंदोलन का मार्ग अपनाने को विवश हो जाएंगे।