पुरानी कारों का कारोबार चढ़ा परवान
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में पुरानी कारों (यूज्ड कार) के प्रति लोगों का आकर्षण तेजी से बढ़ता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर ही नहीं देश भर में इसी प्रकार का माहौल देखा जा रहा है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में पुरानी कारों (यूज्ड कार) के प्रति लोगों का आकर्षण तेजी से बढ़ता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर ही नहीं देश भर में इसी प्रकार का माहौल देखा जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर निर्भर रहने वाले अधिकतर लोगों का नजरिया इस महामारी ने बदल दिया है। अब लोग चाहने लगे हैं कि सुरक्षित आवागमन के लिए उनके पास अपनी कार हो। इसी सोच ने पुराने कारों के कारोबार के ट्रेड को सकारात्मक रूप से बदल दिया है। इस प्रकार के कारों की खरीद-बिक्री आनलाइन से लेकर आफलाइन माध्यम से हो रही है। फिलहाल इस समय आनलाइन प्लेटफार्म सबसे हिट जा रहा है। गुरुग्राम की बात की जाए तो यहां हर माह लगभग 1500 पुरानी कारों की सेल हो रही है।
अगर देश में पुरानी कारों के कारोबार पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट होता है कि इनकी दुनिया काफी बड़ी है। वर्ष 2018-19 में पुरानी कार का कुल कारोबार 2400 करोड़ रुपये रहा। वर्ष 2020-21 के दौरान इन कारों का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) 15.12 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पुरानी कारों का कारोबार संगठित और असंगठित रूप से देश में हो रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 की बात की जाए तो देश में लगभग 40 लाख पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त हुई थी। आटो क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि बीएस-6 इंजन आने के बाद पुरानी कारों की मांग और बढ़ गई है। ऐसा इसलिए बीएस-6 कारों की कीमत नई टेक्नोलाजी के कारण अधिक हो गई है। ऐसे में जो नई कार नहीं खरीद सकते उनका रुझान पुरानी कारों की ओर तेजी से बढ़ गया है। वहीं कोविड-19 महामारी में निजी वाहन की जरूरत बढ़ने के कारण भी इस कारोबार को बल मिला है। कार्स 24 डाट काम, कार देखो डाट काम, कारवाले डाट काम एवं स्पिनिग डाट काम जैसे आनलाइन कार सेल-परचेज प्लेटफार्म पर पुरानी कारों का कारोबार तेजी से परवान चढ़ रहा है। यदि कार 24 की बात की जाए तो लाकडाउन के पूर्व की तुलना में लाकडाउ के दौरान और बाद में पुरानी कारों की बिक्री लगभग 20 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
आटो सेक्टर के कारोबार पर नजर रखने वाले आर्थिक विशेषज्ञ राज गुलिया का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग पुरानी कारों को बेचकर नई खरीद रहे हैं। जो नई नहीं खरीद सकते वह इन पुरानी कारों के प्रति अपना उत्साह दिखा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि पुरानी कारें काफी किफायती दामों पर उस वर्ग को मिल रही हैं जो नई कर नहीं खरीद सकते। आनलाइन प्लेटफार्म के जरिये मारुति सुजुकी, हुंडई, होंडा, टाटा, टोयोटा, शेवरले, महिद्रा, स्कोडा, फाक्सवैगन, निसान, रेनो, फिएट, मर्सिडीज बेंज से लेकर आडी की पुरानी कारों की बिक्री का कारोबार होता है। यूज्ड कारों का कारोबार देश में तेजी से बढ़ रहा है। इस समय इनकी मार्केट में काफी तेजी है। दिल्ली-एनसीआर इसके कारोबार के ट्रेंड को देखा जाए तो हर माह बिकने वाली कुल नई कारों का लगभग 50 प्रतिशत कारोबार पुरानी कारों का है। गुरुग्राम में हर माह आनलाइन एवं आफलाइन कारोबार होता है।
चेतन अरोड़ा, आटो क्षेत्र के विशेषज्ञ