अनूठी पहल: उप्र वाहन भेज उद्यमी ने बुलवाए अपनी कंपनी के कर्मचारी
साइबर सिटी स्थित औद्योगिक इकाइयों में कामगारों की कमी उद्योग जगत के लिए बड़ा संकट है। कई उद्यमियों द्वारा कामगारों की कमी को देखते हुए अपना काम बंद करना पड़ रहा है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
साइबर सिटी स्थित औद्योगिक इकाइयों में कामगारों की कमी उद्योग जगत के लिए बड़ा संकट है। कई उद्यमियों को कामगारों की कमी को देखते हुए अपना काम बंद करना पड़ रहा है। ऐसे माहौल में गुरुग्राम के एक उद्यमी ने मिसाल पेश है। बसई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आमरी इंटीरियर्स फैक्टरी में कामगारों की कमी से काम शुरू नहीं हो पा रहा था, जबकि उनके पास काफी ऑर्डर थे। ऐसे में फैक्टरी मालिक ने कामगारों के लौटने का इंतजार करने के बजाय उत्तर प्रदेश में रह रहे अपने कर्मचारियों को गाड़ी भेज गुरुग्राम बुलवा लिया। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति ले ली थी।
आमरी इंटीरियर्स के मालिक बृजेश अग्रवाल बताते हैं कि उनके यहां लगभग 70 कर्मचारी काम कर रहे थे। लॉकडाउन के पहले चरण में ही वह गृह राज्य चले गए थे। सरकार की अनुमति के बाद जब फैक्टरी खुली तो उनके पास कई ऑर्डर आ चुके थे। अब सवाल यह था कि काम आगे कैसे बढ़े। कामगारों की समस्या को लेकर उन्होंने जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने उनसे सरल हरियाणा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने को कहा जिसमें उन्हें कामगारों को लाने वाली टैक्सी का नंबर, ड्राइवर की डिटेल और कर्मचारियों के नाम और उनके आधार कार्ड की डिटेल भरने को कहा गया। आवेदन के दस मिनट के अंदर ही उन्हें अपने कामगारों को उत्तर प्रदेश से लाने की अनुमति मिल गई।
बृजेश अग्रवाल बताते हैं कि शुक्रवार को उन्होंने आवेदन किया था और शनिवार की दोपहर इनोवा गाड़ी लखनऊ के पास भेज दी थी, जो पांच कर्मचारियों को लेकर रविवार को गुरुग्राम पहुंच गई। इन कर्मचारियों की अब मेडिकल जांच कराई जा रही है। यदि यह पूरी तरह से फिट पाए गए तो मंगलवार से फैक्टरी में काम शुरू कर देंगे। इनका कहना है कि जल्द ही एक और गाड़ी उत्तर प्रदेश से पांच और कर्मचारियों को लेकर आएगी। तीसरी गाड़ी का पास बनवाने में लगे हैं। फिलहाल कंपनी में पांच कर्मचारियों से काम शुरू हो जाएगा। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन, सेक्टर-37 के चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि किसी उद्यमी द्वारा अपनी फैक्टरी में काम शुरू कराने का सबसे बेहतर प्रयास है। कामगारों की समस्या से जूझ रहे अन्य उद्यमियों को भी ऐसा ही प्रयास करना चाहिए।