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खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर आधे घंटे में ही ट्रायल फेल

खेड़कीदौला टोल प्लाजा के दोनों तरफ की एक-एक लेन से कैश वाले वाहनों को निकालने को लेकर सोमवार को किया गया ट्रायल फेल हो गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 06:23 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 06:44 PM (IST)
खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर आधे घंटे में ही ट्रायल फेल
खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर आधे घंटे में ही ट्रायल फेल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: खेड़कीदौला टोल प्लाजा के दोनों तरफ की एक-एक लेन से कैश वाले वाहनों को निकालने को लेकर सोमवार को किया गया ट्रायल फेल हो गया। दिल्ली-जयपुर साइड में वाहनों के दबाव को देखते हुए ट्रायल करने की हिम्मत ही नहीं हुई, जबकि जयपुर-दिल्ली साइड में ट्रायल आधे घंटे के भीतर ही फेल हो गया। इससे साफ हो गया कि 15 जनवरी से सिर्फ एक-एक लेन कैश वाले वाहनों के लिए निर्धारित करने के बाद ट्रैफिक जाम की समस्या और गंभीर हो जाएगी।

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दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा में कुल 25 लेन हैं। इनमें से फिलहाल 19 लेन फास्टैग वाले वाहनों के लिए सुरक्षित हैं। दोनों तरफ की तीन-तीन लेन कैश वाले वाहनों के लिए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने 15 जनवरी से दोनों तरफ की एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहनों को निकालने का निर्णय लिया है। इसे लेकर सोमवार को पहले सुबह साढ़े 10 बजे से दिल्ली-जयपुर साइड में ट्रायल करने का प्लान बनाया गया था, पर ट्रैफिक का दबाव इतना अधिक था कि टोल प्लाजा के कर्मचारी पीछे हट गए।

इसके बाद लगभग 11 बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक जयपुर-दिल्ली साइड में ट्रायल किया गया। इस दौरान ही ट्रैफिक का भारी दबाव बढ़ गया था। ट्रैफिक का दबाव बढ़ते ही कैश वाले वाहन फास्टैग वाली लेनों में घुस गए। इससे फास्टैग लेनों में भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया। लगभग आधे किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई थीं। इसे देखते हुए लोगों की मांग है कि कम से कम दोनों तरफ दो-दो लेन कैश वाले वाहनों के लिए निर्धारित हों।

सेक्टर-46 निवासी जय सिंह एवं मनोज त्यागी का कहना है कि एनएचएआइ के अधिकारी फील्ड में आकर नहीं, बल्कि कार्यालय में बैठकर निर्णय लेते हैं। कैश वाले वाहनों का उन्हें ध्यान है, पर करीब डेढ़ लाख उन वाहनों का ध्यान नहीं है, जो टोल टैक्स के दायरे से बाहर हैं। कैश वाले वाहनों की लेन से ही टोल टैक्स के दायरे वाले वाहन निकलते हैं। 65 फीसद वाहनों में फास्टैग, फिर भी नहीं दिख रहा असर

टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 85 हजार टोल देने वाले वाहन निकलते हैं। इनमें से 65 फीसद से अधिक वाहनों में फास्टैग लग चुके हैं। इसके बाद भी टोल प्लाजा के दोनों तरफ ट्रैफिक का दबाव अपेक्षाकृत कम नहीं हुआ है। इसके पीछे का कारण वाहन चालकों में जागरूकता का अभाव व टोल प्लाजा पर व्यवस्था में कमी है।

कुछ वाहन चालक फास्टैग रिचार्ज कराने पर ध्यान नहीं देते हैं। कुछ फास्टैग में न्यूनतम राशि रहने देने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे काउंटरों के नजदीक वाहनों को रोक दिया जाता है। इससे फास्टैग लेनों में भी ट्रैफिक का दबाव खत्म नहीं हो रहा है। व्यवस्था में कमी यह है कि काउंटरों से कुछ दूरी पर ही ऐसे वाहनों को रोकने की सुविधा नहीं है।

मंगलवार को एक बार फिर ट्रायल होगा। वैसे स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में तब आएगी, जब फास्टैग रिचार्ज कराने व उसमें न्यूनतम राशि रखने पर लोग ध्यान देंगे। साथ ही टोल टैक्स के दायरे में आने वाले सभी वाहनों में फास्टैग लग जाए।

-राजेंद्र सिंह भाटी, प्रबंधक, टोल प्लाजा


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