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दिल्ली-गुरुग्राम पुलिस में दिखा तालमेल का अभाव

दिल्ली पुलिस से यदि रात में ही वाहनों की जांच किए जाने की सूचना मिल जाती तो गुरुग्राम पुलिस अलर्ट हो जाती। सामान्य रूप से जहां-जहां ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं वहां पर तैनात थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 06:24 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 07:05 PM (IST)
दिल्ली-गुरुग्राम पुलिस में दिखा तालमेल का अभाव
दिल्ली-गुरुग्राम पुलिस में दिखा तालमेल का अभाव

आदित्य राज, गुरुग्राम

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साइबर सिटी की रफ्तार बृहस्पतिवार को थम जाने के पीछे दिल्ली-गुरुग्राम पुलिस में तालमेल का अभाव था। दिल्ली से लगते सभी बॉर्डर पर वाहनों की जांच किए जाने की पहले से सूचना गुरुग्राम पुलिस को नहीं दी गई। इस वजह से जब तक गुरुग्राम पुलिस सक्रिय हुई, तब तक पीक आवर का समय शुरू हो चुका था। इस वजह से न केवल दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे घंटों लगातार जाम रहा बल्कि साइबर हब व एमजी रोड सहित शहर के कई इलाकों में भी घंटों ट्रैफिक का दबाव बना रहा।

जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर रजोकरी बॉर्डर के नजदीक के साथ ही आया नगर बॉर्डर एवं कापसहेड़ा बॉर्डर पर भी सुबह सात बजे से नाके लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी। सुबह लगभग आठ बजे से नाके लगाकर वाहनों की जांच शुरू कर दी गई थी। इसके बाद गुरुग्राम पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में सिरहौल बॉर्डर से लेकर सभी बॉर्डर इलाके में काफी संख्या में ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए लेकिन इसका असर कहीं नहीं दिखा क्योंकि सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर 11 बजे तक पीक आवर होता है। इस दौरान सभी सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव सबसे अधिक होता है। नो-एंट्री का समय दो घंटे बढ़ाया

व्यावसायिक वाहनों के लिए नो-एंट्री का समय सुबह 10 बजे से बढ़ाकर दोपहर 12 बजे तक किया गया लेकिन इसका भी असर नहीं दिखा। पचगांव के नजदीक से आगे वाहनों को नहीं आने दिया गया। खेड़कीदौला टोल के नजदीक भी वाहनों को रोका गया, लेकिन शहर के भीतर से व्यावसायिक वाहनों को सड़कों पर आने से रोकना संभव नहीं हुआ। इस वजह से एक्सप्रेस-वे पर काफी संख्या में व्यावसायिक वाहन भी जाम में फंसे दिखाई दिए।

एक्सप्रेस-वे पर जाम में फंसे वाहन चालकों ने कहा कि उन्हें जानकारी ही नहीं थी कि नो-एंट्री का समय बढ़ा दिया गया है। यदि सूचना रहती तो वे लोग वाहन बाहर नहीं निकालते। ट्रक चालक रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि वाहनों की जांच किए जाने की सूचना बुधवार रात से ही प्रसारित होनी चाहिए थी। जाम में फंसने के बाद पता चला कि रजोकरी बॉर्डर पर वाहनों की जांच चल रही है। मुझे साइबर हब इलाके में सुबह 10 बजे ही काम पर पहुंचना था। 11 बजे के बाद भी इफको चौक ही पहुंचा हूं। पहले से पता होता कि एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने वाला है तो रास्ता बदल देता।

मोहित कुमार जलभराव के समय जाम लगता है लेकिन आज की तरह जाम नहीं देखा। एक्सप्रेस-वे सहित उद्योग विहार, एमजी रोड से लेकर कई अन्य सड़कों पर भी जाम लगा है। इस वजह से वैकल्पिक रास्ते भी निकलना मुश्किल हो गया।

संतोष कुमार जिस समय दिल्ली बॉर्डर पर वाहनों की जांच शुरू की गई थी उसी समय व्यावसायिक वाहनों को एक्सप्रेस-वे पर आने से रोक देना चाहिए था। इससे वाहनों का दबाव कम हो जाता। दोपहर 12 बजे के बाद जब अन्य वाहनों का दबाव कम हो जाता।

-बदन सिंह पहली बार एक्सप्रेस-वे पर इस तरह के ट्रैफिक जाम में फंसा हूं। जाम में फंसने के साथ ही कई जगह से निकलने का प्रयास किया लेकिन निकल नहीं सका। लगभग एक घंटे के प्रयास के बाद सर्विस लेन पर आया।

- गणेश कुमार

दिल्ली पुलिस से यदि रात में ही वाहनों की जांच किए जाने की सूचना मिल जाती तो गुरुग्राम पुलिस अलर्ट हो जाती। सामान्य रूप से जहां-जहां ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, वहां पर तैनात थे। सुबह लगभग आठ बजे अचानक सूचना पहुंची। आनन-फानन में तैयारी की गई तब तक ट्रैफिक का दबाव बढ़ चुका था। नो-एंट्री का समय सुबह 10 बजे से बढ़ाकर दोपहर 12 बजे कर दिया गया था। जब तक नो-एंट्री का समय बढ़ाने की सूचना सबको दी गई तब तक शहर के भीतर से काफी व्यावसायिक वाहन सड़कों पर आ चुके थे।

- हिमांशु गर्ग, पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक), गुरुग्राम


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