निलंबित कांस्टेबल के पक्ष उठने लगी आवाज
सिरहौल बॉर्डर पर शुक्रवार रात जाम लगने के दौरान टोल प्लाजा की एक लेन कुछ देर के लिए फ्री कराने के मामले में निलंबित कांस्टेबल के पक्ष में आवाज उठने लगी है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सिरहौल बॉर्डर पर शुक्रवार रात जाम लगने के दौरान टोल प्लाजा की एक लेन कुछ देर के लिए फ्री कराने के मामले में निलंबित कांस्टेबल के पक्ष में आवाज उठने लगी है। लोगों का मानना है कि कांस्टेबल ने मानवता का परिचय देते हुए जाम में फंसी एंबुलेंस निकालने के लिए लेन फ्री कराया था। ऐसे कांस्टेबल की प्रशंसा होनी चाहिए थी। यदि ऐसा करने पर सजा होगी फिर कौन मानवता दिखाने के लिए सामने आएगा?
बताया जाता है कि शुक्रवार रात दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित सिरहौल बॉर्डर पर जाम में एक एंबुलेंस फंसी हुई थी। उसे निकालने के लिए मौके पर तैनात कांस्टेबल मनोज ने कुछ देर के लिए एमसीडी टोल प्लाजा की एक लेन को फ्री करा दिया था। इस वजह से कुछ वाहन भी फ्री में निकल गए।
बताया जाता है कि इसका वीडियो एक टोलकर्मी ने बनाकर गुरुग्राम पुलिस के आला अधिकारियों के पास किसी माध्यम से भेज दिया। शिकायत सामने आते ही कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद से जाम में फंसने वाले लोगों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है।
साउथ सिटी निवासी राजकुमार एवं सेक्टर-40 निवासी नरेश कुमार का कहना है कि पीक आवर की बात दूर एक्सप्रेस-वे पर अक्सर रात में भयंकर जाम लगता है। जाम के दौरान सिरहौल बॉर्डर स्थित एमसीडी टोल प्लाजा को कुछ देर के लिए फ्री कराने का अधिकार गुरुग्राम पुलिस के पास होना चाहिए। कांस्टेबल ने मानवता का परिचय दिया था। उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलत है। इस बारे में इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अखिल कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।