खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर कटों के कारण बार-बार लग रहा जाम
दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक दोनों तरफ बने कट जाम का कारण बन रहे हैं। इन कटों से वाहन चालक यू-टर्न लेते हैं। यू-टर्न लेने के कारण यहां काफी वाहन इकट्ठा हो जाते हैं। इस वजह से प्रतिदिन जाम लगता है। बता दें कि दिल्ली-जयपुर हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं।
जागरण संवाददाता, मानेसर: दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक दोनों तरफ बने कट जाम का कारण बन रहे हैं। इन कटों से वाहन चालक यू-टर्न लेते हैं। यू-टर्न लेने के कारण यहां काफी वाहन इकट्ठा हो जाते हैं। इस वजह से प्रतिदिन जाम लगता है।
बता दें कि दिल्ली-जयपुर हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण रोजाना जाम की स्थिति बनी रहती है। आसपास के ग्रामीण और आइएमटी मानेसर के उद्यमी टोल प्लाजा को हटाने के लिए कई बार प्रधानमंत्री, परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को शिकायत भेज चुके हैं। टोल प्लाजा को हटाने के लिए कई बार धरने प्रदर्शन भी हो चुके हैं। जाम की वजह से मानेसर औद्योगिक क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है। सुबह और शाम के समय बढ़ रहा प्रदूषण
जाम की वजह से खेड़कीदौला टोल प्लाजा के आसपास प्रदूषण का स्तर सुबह और शाम के समय ज्यादा होता है। इस समय टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की संख्या काफी अधिक हो जाती है। ऐसे में यहां कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है। जाम में फंसने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। डीजल ऑटो भी बढ़ा रहे प्रदूषण
आइएमटी मानेसर में करीब 2 हजार कंपनियों में लाखों लोग काम करते हैं। इसमें से काफी लोग गुरुग्राम से भी अप-डाउन करते हैं। इन कर्मचारियों को मानेसर से गुरुग्राम लाने और ले जाने के लिए हजारों डीजल ऑटो चल रहे हैं। इनमें से अधिकतर डीजल ऑटो तो सुबह और शाम को ही चलते हैं। इस समय कंपनियों में छुट्टी होती है। गुरुग्राम से पढ़ाई करने वाले बच्चे भी सफर करते हैं। ऑटो वालों की संख्या बढ़ने के साथ कई ऑटो चालक लापरवाही से ड्राइ¨वग करते हैं जो जाम का कारण भी बनते हैं। खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे के नजदीक नया टोल प्लाजा बनाया जाएगा। तैयारी हो चुकी है। जमीन उपलब्ध होते ही टोल प्लाजा बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
-एके शर्मा, निदेशक (प्रोजेक्ट), एनएचएआइ