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आधे घंटे में ही तीन लेन से निकालने पड़े कैश वाले वाहन

खेड़कीदौला टोल प्लाजा के दोनों तरफ की एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहनों को निकालना संभव नहीं दिख रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:27 PM (IST)
आधे घंटे में ही तीन लेन से निकालने पड़े कैश वाले वाहन
आधे घंटे में ही तीन लेन से निकालने पड़े कैश वाले वाहन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: खेड़कीदौला टोल प्लाजा के दोनों तरफ की एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहनों को निकालना संभव नहीं दिख रहा है। बुधवार को आधे घंटे के भीतर ही पहले की तरह व्यवस्था करनी पड़ गई। एक-एक लेन की बजाय तीन-तीन लेन से कैश वाले वाहनों को निकलने की सुविधा शुरू करनी पड़ गई। इस आधे घंटे के भीतर ही एक से डेढ़ किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

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दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा में कुल 25 लेन हैं। इनमें से दोनों तरफ की एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहनों को निकालने का निर्णय लिया जा चुका है। यह व्यवस्था बुधवार दोपहर 12 बजे से लागू की गई, लेकिन यातायात का दबाव बढ़ते ही 15 मिनट के भीतर एक-एक लेन से दो-दो लेन पर आना पड़ गया। इससे भी बात नहीं बनी, तो आधे घंटे के भीतर पहले की तरह ही तीन-तीन लेन से कैश वाले वाहनों को निकलने की इजाजत देनी पड़ गई। इस दौरान दोनों तरफ एक से डेढ़ किलोमीटर लंबा जाम लगने से फास्टैग वाली लेन में भी कैश वाले वाहन घुस गए। टोल प्लाजा प्रबंधक राजेंद्र सिंह भाटी कहते हैं कि नियमों का उल्लंघन न हो, इसके लिए अतिरिक्त मैन पावर लगाई गई है। इसके बाद भी कुछ वाहन चालक कैश लेन से फास्टैग की लेन में घुस जाते हैं। जुर्माना लगाने पर बहस करते हैं। इस वजह से फास्टैग वाली लेन में भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। सही मायने में 25 नहीं, 21 लेन का है टोल प्लाजा

वाहन चालकों की शिकायत है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) जमीनी हकीकत को नहीं समझ रहा है। सही मायने में खेड़कीदौला टोल प्लाजा 21 लेन का है। दोनों तरफ की एक-एक लेन को ही आगे बढ़ाकर उसमें तीन-तीन काउंटर बना दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में दोनों तरफ की एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहन टोल प्लाजा से आगे निकलते हैं। मानेसर निवासी नरेश यादव एवं जयशंकर शर्मा कहते हैं कि एक-एक कैश लेन को आगे बढ़ाकर बनाई गई तीन-तीन लेन में से दो-दो लेन फास्टैग के लिए अनिवार्य करने का फरमान एनएचएआइ ने जारी कर रखा है। यही नहीं कैश लेन से ही टोल टैक्स के दायरे से बाहर वाले वाहन निकलते हैं। ऐसे वाहनों की संख्या लगभग डेढ़ लाख बताई जाती है। यदि व्यवस्था ठीक करनी है, तो दोनों तरफ की एक-एक लेन कैश वाले वाहनों के लिए एवं एक-एक लेन टोल टैक्स के दायरे से बाहर वाले लेन के लिए निर्धारित कर दी जाए। दिक्कत यह है कि टोल टैक्स के दायरे से बाहर वाले वाहनों पर एनएचएआइ ध्यान देने को तैयार नहीं है। वर्जन

कहीं भी जब नई व्यवस्था लागू होती है, तो परेशानी पैदा होती ही है। खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर फास्टैग लागू करने के साथ ही काफी दिक्कत हुई थी। अब धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर आ रही है। 65 फीसद से अधिक वाहनों में फास्टैग लग चुके हैं। दिक्कत यह है कि कुछ लोग रिचार्ज कराने पर ध्यान नहीं देते हैं। टोल टैक्स के दायरे में आने वाले सभी वाहनों में फास्टैग की सुविधा उपलब्ध होते ही समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

- एके शर्मा, निदेशक (प्रोजेक्ट), एनएचएआइ, गुरुग्राम


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