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खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर घंटों रेंगते रहे वाहन

खेड़कीदौला टोल प्लाजा के दोनों तरफ शुक्रवार दोपहर एक बजे से लेकर तीन बजे तक ट्रैफिक का भारी दबाव बना रहा। इस वजह से वाहन रेंगते नजर आए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 06:02 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 06:41 PM (IST)
खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर घंटों रेंगते रहे वाहन
खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर घंटों रेंगते रहे वाहन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: खेड़कीदौला टोल प्लाजा के दोनों तरफ शुक्रवार दोपहर एक बजे से लेकर तीन बजे तक ट्रैफिक का भारी दबाव बना रहा। इस वजह से वाहन रेंगते नजर आए। ट्रैफिक दबाव बनने के पीछे का मुख्य कारण कुछ वाहन चालकों द्वारा फास्टैग रिचार्ज न कराना एवं फास्टैग में न्यूनतम राशि का न होना था। ऐसी स्थिति में 15 जनवरी से केवल एक लेन से ही कैश वाले वाहनों के निकलने की अनुमति दिए जाने के बाद ट्रैफिक का दबाव और अधिक बढ़ने की आशंका है।

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दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन 85 हजार (टोल देने वाले) वाहन निकलते हैं। इनमें 65 फीसद वाहनों में फास्टैग लग चुके हैं। इसके बाद भी टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव कम होने का नाम नहीं। शुक्रवार दोपहर एक बजे से तीन बजे के बाद भी कई बार ट्रैफिक का दबाव दिखा। सुबह आठ बजे से 11 बजे तक एवं शाम पांच बजे से नौ बजे तक पीक आवर के दौरान पहले जो समस्या थी, कमोवेश वैसी ही है। छुट्टी के दिन ही राहत दिखाई देती है। दूसरी तरफ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) 15 जनवरी से दोनों तरफ की केवल एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहनों को निकालने की तैयारी में जुटा है। टोल छूट वाले वाहनों की संख्या लगभग डेढ़ लाख है। ये सभी वाहन कैश लेन से ही निकलते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 15 जनवरी से क्या स्थिति पैदा होगी।

टोल से 100 मीटर पहले रीड हो टैग: शुक्रवार को ट्रैफिक दबाव बढ़ने से परेशान मानेसर निवासी राजकुमार एवं जय मेहता ने बताया कि यह सच्चाई है कि कुछ लोग फास्टैग रिचार्ज कराने या फिर फास्टैग में न्यूनतम राशि रहे, इसके ऊपर ध्यान नहीं देते हैं। इसके लिए काउंटरों से 100 मीटर पहले ही ऐसा सिस्टम विकसित करना चाहिए, जिससे कि पता चल सके कि फास्टैग रिचार्ज है या नहीं। काउंटर तक पहुंचने के बाद वाहनों को रोका जाता है। उस दौरान बहस होती है। 15 से 20 मिनट में ही लंबा जाम लग जाता है। सेक्टर-31 निवासी रमेश प्रताप कहते हैं कि टोल प्लाजा के दोनों तरफ कुछ दूरी से वाहन गलत साइड से दूसरी तरफ जाते हैं। इसके ऊपर रोक लगाई जाए। जहां तक दोनों तरफ की एक-एक लेन से ही कैश वाले वाहनों को निकलने देने का विचार है तो इससे व्यवस्था काफी बिगड़ जाएगी। कम से कम दो-दो लेन कैश वाले वाहनों के लिए अनिवार्य होनी चाहिए। मैं स्वीकार करता हूं कि 65 फीसद से अधिक वाहनों में फास्टैग लगे होने के बाद भी ट्रैफिक का दबाव जितना कम होना चाहिए था, उतना कम नहीं हुआ है। लोग फास्टैग रिचार्ज कराने के साथ ही उसमें न्यूनतम राशि रखें। कुछ लोगों की वजह से अधिकतर लोगों को परेशानी हो रही है।

- राजेंद्र सिंह भाटी, प्रबंधक, खेड़कीदौला टोल प्लाजा


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