खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने का मामला गर्माया
ट्रैफिक जाम के पर्याय बने खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। इस बार यह मामला बादशाहपुर के विधायक व हरियाणा कृषि उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश दौलताबाद के ट्वीट से गर्माया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: ट्रैफिक जाम के पर्याय बने खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। इस बार यह मामला बादशाहपुर के विधायक व हरियाणा कृषि उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश दौलताबाद के ट्वीट से गर्माया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से 31 मार्च तक टोल प्लाजा हटाने को लेकर प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है। नहीं हटाए जाने पर वे सख्त कदम उठाएंगे। क्या सख्त कदम उठाएंगे, यह बात सामने नहीं आई है।
दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाने के लिए कई साल से मांग चल रही है। प्रदेश सरकार भी कई बार हटाने की घोषणा कर चुकी है। इसके बाद भी स्थिति जस की तस है। टोल प्लाजा पर प्रतिदिन पीक आवर के दौरान यानी सुबह आठ बजे से 11 बजे तक एवं शाम पांच बजे से रात आठ बजे के दौरान ट्रैफिक का दबाव रहता है। फास्टैग सिस्टम काफी हद तक लागू होने के बाद भी ट्रैफिक का दबाव कम होने का नाम नहीं।
ट्रैफिक के दबाव की वजह से न केवल मानेसर इलाके में औद्योगिक विकास प्रभावित हो रहा है बल्कि द्वारका एक्सप्रेस-वे के इलाके में विकसित किए गए सेक्टरों में रह रहे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। इलाके के लोग समय-समय पर धरना-प्रदर्शन करते रहते हैं। बता दें कि टोल प्लाजा से होकर प्रतिदिन औसतन 70 से 75 हजार वाहन निकलते हैं। ये वे वाहन हैं जो टोल टैक्स के दायरे में आते हैं। इनके अलावा एक लाख से अधिक ऐसे वाहन निकलते हैं जो टोल टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं। इस बारे में टिप्पणी के लिए एनएचएआइ के परियोजना निदेशक शशिभूषण से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।