उड़ती धूल पर्यावरण के साथ सेहत को भी कर रही खराब
वायु प्रदूषण एक बार फिर से गुरुग्राम के लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वायु प्रदूषण ने एक बार फिर से साइबर सिटी के लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। इससे शहर की आबोहवा बिगड़ने लगी है। दीपावली की रात से हवा की गुणवत्ता खराब होना शुरू हुई थी, जो अभी भी हानिकारक बनी हुई है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखे और फसलों के अवशेष जलाने से जो वायु प्रदूषण होता है वह तात्कालिक है। जरूरत है इसके नियमित कारण को दूर किया जाए। इसमें सबसे बड़ा कारण है उड़ती धूल। शहर की सड़कों पर चौबीस घंटे धूल उड़ती रहती है। ऐसी स्थिति पिछले कई सालों से है।
जागरूक नागरिकों का कहना है कि यह धूल आबोहवा और सेहत दोनों को बड़ा नुकसान पहुंचा रही है। कंस्ट्रक्शन साइटों पर मलबा खुले में रखा जाना जारी है। शहर में शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जिस पर या जिसके किनारों पर धूल न जमा हो। सोहना रोड की हालत इस मामले में सबसे खराब है। इसे लेकर लोगों द्वारा लगातार आवाज बुलंद की जा रही है। सोहना रोड स्थित एक कंपनी में अधिकारी सत्यजीत पपरेजा का कहना है कि सोहना रोड पर हर समय धूल उड़ती रहती है। इस रोड पर बाइक, साइकिल, पैदल व ऑटो से चलने वाले अपनी हर सांस के जरिये बड़ी मात्रा में धूल कण अपने अंदर खींच रहे हैं। सिर्फ सोहना रोड ही नहीं इफको चौक, सिग्नेचर टॉवर, हुडा सिटी सेंटर, सेक्टर-45 व 46 से लेकर सुभाष चौक, एमजी रोड, रेलवे रोड, हीरो होंडा चौक, अतुल कटारिया चौक, उद्योग विहार एवं शंकर चौक रोड की भी यही समस्या है।
उद्यमी दीपक मैनी का कहना है कि राजीव चौक से बादशाहपुर तक जाने वाली रोड पर दोनों ओर धूल ही धूल पड़ी है, जो वाहनों के चलने से हमेशा वातावरण में उड़ती रहती है। इसके बावजूद सड़कों की साफ-सफाई व किनारे टाइल्स नहीं लगाई जा रही है। इस धूल से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। मंगलवार सुबह 11:00 बजे वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 356 दर्ज किया गया। पर्यावरणविद विवेक कंबोज का कहना है कि कहने के लिए तो सड़क की धूल को साफ करने के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपिग मशीनें नगर निगम के पास हैं। इसके बावजूद सड़कों पर धूल ही धूल उड़ती रहती है।