दुविधा में नगर निगम में शामिल नहीं होने वाले गांवों के बांशिदे
गुरुग्राम खंड की बची हुई पंचायतों के लोग अब दुविधा में हैं कि उनके गांवों का क्या किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, मानेसर: मानेसर को नगर निगम बनाकर गुरुग्राम और फरुखनगर खंड की 29 पंचायतों को इसमें शामिल कर दिया गया है। गुरुग्राम खंड की बची हुई पंचायतों के लोग अब दुविधा में हैं कि उनके गांवों का क्या किया जाएगा। उनके गांवों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे या गुरुग्राम नगर निगम में शामिल किया जाएगा। इन गांवों में अब यही चर्चा हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर गुरुग्राम में शामिल किया जाना है तो अभी अधिसूचना जारी कर शामिल कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इसके बाद इन गांवों में वार्डबंदी और ग्राम पंचायतों का रिकार्ड भी निगम में शामिल किया जाना चाहिए। इससे इन गांवों के लोगों को काफी फायदा हो जाएगा। गुरुग्राम नगर निगम में जाने को हैं राजी
गुरुग्राम खंड की कुल 19 पंचायतों को अभी नगर निगम में शामिल नहीं किया गया है। इन गांवों को पहले गुरुग्राम नगर निगम में शामिल करने पर इन गांवों में अधिकतर ने समर्थन किया था। अब भी गुरुग्राम नगर निगम में जाने को राजी हैं। अभी गढ़ी हरसरू और वजीरपुर तक गांवों को मानेसर में शामिल किया गया है। इसके अलावा सीही गांव तक गुरुग्राम नगर निगम का दायरा है। ऐसे में धनकोट गांव से लेकर दौलताबाद और धर्मपुर तक अभी ग्राम पंचायत मौजूद हैं। इन गांवों को अब नगर निगम में जोड़ने की उम्मीद है। यहां के जनप्रतिनिधि भी अभी संकट में हैं कि सरपंची की तैयारी करें या निगम के पार्षद की। निगम के वार्ड में गांव से बाहर का क्षेत्र भी शामिल हो सकता है लेकिन पंचायत चुनाव में केवल ग्रामीण ही रहेंगे। गुरुग्राम खंड की 19 पंचायतें हैं बाहर
गुरुग्राम खंड की कुल 39 पंचायतों में से 20 पंचायतों को मानेसर निगम में शामिल कर दिया गया है। हालांकि, मानेसर निगम में गुरुग्राम के कुल 22 गांवों को शामिल किया गया है। बाकी बचे हुए 19 गांवों में से कुछ ग्राम पंचायतों को अभी गुरुग्राम निगम में शामिल करने की चर्चा है। ग्रामीण भी नगर निगम में जाने के इच्छुक हैं। ग्रामीण क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि जल्द ही गुरुग्राम नगर निगम का दायरा बढ़ाया जा सकता है। इसमें गुरुग्राम खंड के साथ सोहना खंड की पंचायतों को निगम में शामिल किया जा सकता है। गुरुग्राम के साथ लगते गांवों को निगम में शामिल किया जाना चाहिए। इससे यहां बनी सोसायटियों में रहने वाले लोगों को काफी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। ग्राम पंचायतों द्वारा केवल गांवों में ही विकास कार्य किए जा सकते हैं। गुरुग्राम के आसपास अब सेक्टर और शहरी क्षेत्र विकसित होने लगा है। इसलिए इन गांवों को नगर निगम में शामिल किया जाना चाहिए।
- दिनेश सहरावत, सरपंच, धनकोट एवं प्रवक्ता, सरपंच एसोसिएशन गुरुग्राम