फिर से गहराया वायु प्रदूषण का संकट, बढ़ी उद्यमियों की चिता
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार को एक बार फिर से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। इससे उद्योग जगत की चिता में भी इजाफा हो गया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार को एक बार फिर से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। इससे उद्योग जगत की चिता में भी इजाफा हो गया है। उद्यमियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रदूषण स्तर में कमी आने से इंडस्ट्री को भी पाबंदियों से जल्द राहत मिल जाएगी। मगर इसके फिर से बढ़ने से हालात एक बार और खराब होने की संभावनाएं बन गईं हैं। पिछले लगभग एक माह से दिल्ली-एनसीआर स्थित कोयला आधारित व गैर-सीएनजी बॉयलर वाली औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यही नहीं बिजली जाने की स्थिति में किसी भी औद्योगिक इकाई में डीजल जनरेटर नहीं चलाया जा सकता है।
उद्यमियों का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो रहा है। जिस समय ऐसा लग रहा था कि वायु प्रदूषण स्तर में कमी आ रही है और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा उद्योग जगत को राहत दी जाएगी। ठीक उसी समय गुरुग्राम सहित एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 की सीमा पार कर गया। इस स्थिति में आशंका इस बात की बढ़ गई है कि इंडस्ट्री पर लागू प्रतिबंध आगे बढ़ सकते हैं। बता दें कि ईपीसीए द्वारा कोयला आधारित और गैर-सीएनजी औद्योगिक इकाइयों पर 14 नवंबर तक प्रतिबंध है। एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष एचपी यादव का कहना है कि गुरुग्राम में लघु उद्योगों की संख्या सैकड़ों में हैं। इन सभी को प्रतिबंध के कारण दिक्कत हो रही है। कारोबार बुरी तरह से प्रभावित है।
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उद्योगों पर प्रतिबंध के बावजूद वायु प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही है। इसका सीधा सा मतलब है कि इसके लिए इंडस्ट्री जिम्मेदार नहीं है। वायु प्रदूषण के वाजिब कारणों को दूर करने की जरूरत है। ऐसे में प्रतिबंध आगे बढ़ाने के स्थान पर उद्योगों को राहत देने की जरूरत है।
दीपक मैनी, महासचिव, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन
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बुधवार को वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। ऐसे में इस बात का अंदेशा है कि कहीं औद्योगिक इकाइयों के संचालन पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसकी समयसीमा और आगे न बढ़ा दी जाए। ऐसा हुआ तो उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
-प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन