कोर्ट ने कहा, आइपीएस अफसर करें झगड़े की जांच
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमएम धोंचक की अदालत ने आपसी लड़ाई झगड़े के मामले में दो आरोपितों को ना केवल जमानत दी बल्कि पुलिस आयुक्त को आदेश दिए हैं कि वे इस मामले की जांच किसी आइपीएस अधिकारी से करवाएं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमएम धोंचक की अदालत ने आपसी लड़ाई झगड़े के मामले में दो आरोपितों को ना केवल जमानत दी बल्कि पुलिस आयुक्त को आदेश दिए हैं कि वे इस मामले की जांच किसी आइपीएस अधिकारी से करवाएं। अदालत ने एफआइआर से आइपीसी की धारा 379बी भी हटाने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता श्यामसुंदर, जो कि गुरुग्राम में डीसीपी ईस्ट के रीडर हैं, 3 जून की शाम करीब साढ़े छह बजे जब कार से मानेसर जा रहे थे तो उसी समय इको वैन के चालक ने हल्दीराम अंडरपास के नजदीक उन्हें ओवरटेक किया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इको में सवार वेदप्रकाश और रवि ने उन्हें रोकने के बाद जबरन कार से उतार पर्स छीन लिया और उनकी कार की चाबी भी निकाल ली। जब उन्होंने शोर मचाया तो पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपितों को पुलिस के हवाले किया गया।
इस मामले में आरोपित वेदप्रकाश तथा रवि की ओर से जमानत अर्जी मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमएम धोंचक की अदालत में लगाई गई थी। पूरे मामले को सुनने के बाद अदालत ने दोनों आरोपितों को 40 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर की और थानेदार व मानेसर के एसीपी की पुष्टि पर आरोपितों के खिलाफ लगाई गई धारा-379बी को भी एफआइआर से हटा आइपीएस अधिकारी से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।