सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर चैंबर की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा
औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक राहत दिलाने को लेकर एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।
जासं, गुरुग्राम: औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक राहत दिलाने को लेकर एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है। यह याचिका 15 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 22 मई को होगी।
यह जानकारी एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, गुरुग्राम के अध्यक्ष एचपी यादव ने दी। उन्होंने बताया कि चैंबर की ओर से केंद्र और राज्य सरकार से निरंतर एमएसएमई सेक्टर को आर्थिक मदद देने की मांग की जा रही थी। चैंबर की मंशा है कि लॉकडाउन की अवधि का वेतन कामगारों को केंद्र सरकार की ओर से दिया जाए क्योंकि अधिकांश एमएसएमई इकाइयों की स्थिति बदहाल है।
पहले मंदी की मार ने इस सेक्टर को जकड़ रखा था। इसके बाद लॉकडाउन की बंदी ने इनके अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है। उनकी मांग पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। उल्टे कंपनी प्रबंधकों पर लॉकडाउन की अवधि का वेतन कामगारों को देने का दबाव बनाया जा रहा है। इस स्थिति से उबरने के लिए चैंबर और उसके सदस्यों के पास अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। चैंबर की ओर से यह याचिका सुप्रीम कोर्ट की वकील हर्षिता कुमार और साक्षी महाले ने दायर की थी।