आतंकी हमले के विरोध में सड़कों पर उतरे विद्यार्थी
हर चेहरे पर आक्रोश, नारों में दहकती बदले की आग और दिलों में शहीदों और उनके परिवारों के प्रति हमदर्दी की भावनाओं से उपजे गुस्से ने शहर में उबाल पैदा कर दिया। बृहस्पतिवार को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के विरोध में शुक्रवार को शहर के छात्र-छात्राओं ने आक्रोश दिखाया। बड़ी संख्या में कॉलेजों के विद्यार्थियों ने 'वी वॉन्ट जस्टिस', 'शहीदों को इंसाफ चाहिए' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारों के साथ सरकार से एक सुर में सरलता छोड़, कठोरता का मार्ग अपनाने की मांग की। इस दौरान विद्यार्थियों ने शहर में रैली निकाली और पीडब्ल्यूडी और वन मंत्री राव नरबीर के कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हर चेहरे पर गुस्सा, नारों में दहकती बदले की आग और दिलों में शहीदों और उनके परिवारों के प्रति हमदर्दी। इन मिले-जुले अहसास ने शहर में उबाल पैदा कर दिया। पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के विरोध में शुक्रवार को शहर के छात्र-छात्राओं ने सड़कों पर उतर कर आक्रोश का प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में कॉलेजों के विद्यार्थियों ने 'वी वांट जस्टिस', 'शहीदों को इंसाफ चाहिए' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारों के साथ सरकार से एक सुर में नरमी छोड़, कठोरता का रास्ता अपनाने की मांग की। इस दौरान विद्यार्थियों ने शहर में रैली निकाली और लोक निर्माण व वन मंत्री राव नरबीर ¨सह के कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों ने दिल्ली रोड पर जमा होकर आतंकवाद के विरोध में नारे लगाए। इस दौरान विद्यार्थियों ने कहा कि अब सहिष्णुता का दामन छोड़ने का वक्त आ गया है, और अपनी शक्ति दिखाने का उपयुक्त समय है। अगर अब हर ¨हदुस्तानी का खून नहीं खौला तो वह ¨हदुस्तानी तो क्या, इंसान कहलाने लायक भी नहीं है। विद्यार्थियों ने मांग की कि सरकार को इसके बदले के साथ सबक देना चाहिए ताकि फिर कोई आदिल अहमद इस तरह की हिम्मत न दिखा सके। उन शहीदों को इंसाफ मिले जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई है। विद्यार्थियों ने हाथों में तिरंगा पकड़े जोश में नारे लगाए। इस दौरान विद्यार्थियों से मुखातिब हुए मंत्री राव नरबीर ¨सह ने कहा कि वह उनकी और देशवासियों की भावनाओं को समझते हैं और इस घटना की कड़ी ¨नदा करते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने जो यह कायराना हरकत की है उसका जवाब दिया जाएगा। आखिर कब तक? कब तक हम इसी तरह से अपने जवानों और उनके परिवारों को आतंकियों के हवाले करते रहेंगे। अब सरकार को आर या पार का फैसला लेना ही होगा। इस गुस्ताखी के लिए जिम्मेदार लोगों को उनके घर में घुसकर मारना होगा।
- राधा, छात्रा अब समय आ गया है हथियार निकालने का। बहुत हुई जवानों की बलि, बहुत हुई आतंकियों की मनमानी। अब बस सीधा घर में घुसकर उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है। ऐसा नहीं करना उनके हौसलों को और बढ़ाना होगा।
- शिखा, छात्रा यह कोई छोटी बात नहीं है। हमारी नरमी हमारी कमजोरी समझते रहे हैं यह आतंकी। इन्हें दिखाना होगा कि जब हम अपनी पर आ जाएं तो इनके नामोनिशां मिटा जाएंगे। सरकार को जल्द से जल्द इसका बदला लेना होगा।
- वंदना, छात्रा अब पड़ोसियों की यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने सेना को छूट जरूर दे दी है लेकिन अब उन्हें आगे बढ़कर बदला लेने के आदेश भी तुरंत देने चाहिए और आतंकियों के हौंसले पस्त करने चाहिए।
- सरिता, छात्रा और कितनी शहादत के बाद सरकार की आंखें खुलेंगे। यह जोश नहीं बल्कि प्रेक्टिकल सोच है। यही दिखाने की जरूरत है अब। हम कमजोर नहीं हैं, यह बताना है, हमारी बर्दाश्त करने की एक क्षमता है और उसके बाद हम तूफान हैं, यह दिखाने का वक्त आ गया है।
- सुष्मिता, छात्रा हमारी सरकार से एक ही गुजारिश है कि बस बहुत हुई नरमी। अब तो जागो और बदला लो। उन शहीदों की कुर्बानियों को जाया मत जाने दो। सरकार को अब इसका बदला लेना होगा तभी जाकर इंसाफ मिल सकेगा।
- नीता, छात्रा