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गणतंत्र दिवस पर विशेष: महात्मा गांधी के बराबर नेताजी को मिले दर्जा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बराबर जंग-ए-आजादी के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस को दर्जा मिलना चाहिए। आजादी के इतने वर्षों बाद भी नेताजी को वह दर्जा नहीं मिला जिसके वह हकदार हैं। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में प्रयास करेंगे। देश को आजाद कराने में नेताजी का योगदान किसी भी नेता से अधिक था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 03:17 PM (IST)
गणतंत्र दिवस पर विशेष: महात्मा गांधी के बराबर नेताजी को मिले दर्जा
गणतंत्र दिवस पर विशेष: महात्मा गांधी के बराबर नेताजी को मिले दर्जा

आदित्य राज, गुरुग्राम

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बराबर जंग-ए-आजादी के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस को दर्जा मिलना चाहिए। आजादी के इतने वर्षों बाद भी नेताजी को वह दर्जा नहीं मिला जिसके वह हकदार हैं। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में प्रयास करेंगे। देश को आजाद कराने में नेताजी का योगदान किसी भी नेता से अधिक था। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कद के हिसाब से नेताजी को सम्मान दिलाएं। नेताजी के प्रति इससे बड़ी श्रद्धांजलि दूसरी कोई नहीं होगी। ये विचार नेताजी सुभाषचंद्र बोस के गनर रहे 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम ने दैनिक जागरण से बातचीत में व्यक्त किए।

जगराम ने कहा कि अंग्रेज सही मायने में नेताजी की वजह से ही भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों से भागे। अंग्रेजों के भीतर नेताजी के नाम से दहशत थी। नेताजी का कोई तोड़ उनके पास नहीं था। नेताजी जहां जाते थे, वहीं सैलाब उमड़ पड़ता था। अंग्रेज भी उनका भाषण सुनने के लिए लालायित रहते थे। अंग्रेज कहा करते थे कि पूरी दुनिया में ऐसी शख्सियत दूसरा कोई नहीं। ऐसे व्यक्ति को अपने देश में ही सम्मान हासिल नहीं। कोई ऐसी जगह नहीं जहां पर दुनिया के लोग आकर उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें। एक बार नरेंद्र मोदी से मिलने की है इच्छा

नेताजी को उनके कद के हिसाब से सम्मान मिले, इस बारे में उनकी इच्छा एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की है। उनसे मिलकर नेताजी की यादें बतानी हैं। वैसे तो वह सब कुछ जानते हैं फिर भी उन्हें बताना है कि पूरी दुनिया में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से बड़ा कोई नेता नहीं हुआ। जिन देशों के सामने दुनिया सिर झुकाती थी, उन देशों के शासक भी नेताजी की नेतृत्व क्षमता के कायल थे। जिस धरती पर उन्हें भगवान की तरह पूजना चाहिए था, उस धरती पर नायक का भी दर्जा नहीं, महानायक की बात तो दूर है। नरेंद्र मोदी नहीं कर सके तो कोई कर भी नहीं पाएगा

उन्होंने कहा कि यदि इस देश के महानायकों को उनका उचित सम्मान नरेंद्र मोदी नहीं दिला सके तो फिर आगे कोई दिला भी नहीं पाएगा। नरेंद्र मोदी में निर्णय लेने की क्षमता है, अन्य किसी नेता में ऐसी क्षमता फिलहाल नहीं दिख रही है। सरदार पटेल को नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत प्रयास से सम्मान हासिल हुआ। अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लिए प्रधानमंत्री प्रयास करें। पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ेगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि जो देश व समाज अपने महापुरुष का सम्मान नहीं करता, उस देश व समाज का भविष्य अंधकारमय होता है।


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