आर्थिक तंगी से जूझ रहे एमएसएमई क्षेत्र का सहारा बनेगी प्रदेश सरकार
बड़े उद्योगों का कारोबार तो धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है मगर माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम (एमएसएमई) क्षेत्र से संबंधित अधिकतर औद्योगिक इकाइयों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
वैश्विक महामारी कोरोना ने औद्योगिक परिवेश को काफी प्रभावित किया है। बड़े उद्योगों का कारोबार तो धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है, मगर माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम (एमएसएमई) क्षेत्र से संबंधित अधिकतर औद्योगिक इकाइयों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। अब इनकी सेहत सुधारने के लिए प्रदेश सरकार आगे आती दिख रही है। एमएसएमई महानिदेशालय, हरियाणा ने विभिन्न जिलों की औद्योगिक एसोसिएशनों से एमसएएमई से संबंधित ऐसी इकाइयों का डाटा मांगा है, जो आर्थिक संकट से जूझ रही हैं और बंद होने की कगार पर हैं।
एमएसएमई महानिदेशालय द्वारा आर्थिक संकट वाली एमएसएमई इकाइयों का डाटा 25 सितंबर तक आमंत्रित किया गया है। इसे लेकर कई औद्योगिक एसोसिएशन अपनी सदस्य कंपनियों से डाटा भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि सरकार को भी अब यह लगने लगा है कि बिना सरकारी सहायता के एमएसएमई संकट दूर नहीं होगा। कोरोना महामारी ने दस्तक के वक्त से ही यह क्षेत्र सरकार से राहत मांग रहा है। अब एमएसएमई क्षेत्र को उम्मीद की एक नई किरण दिख रही है। गुरुग्राम एमएसएमई क्षेत्र का बड़ा हब है। यहां स्थित 90 फीसद से अधिक औद्योगिक इकाइयां एमएसएमई की श्रेणी में आती हैं।
एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों से जो जानकारी महानिदेशालय ने मांगी है उसमें कंपनी एवं जिले का नाम, संचालक का पद सहित नाम, संपर्क नंबर, किस सेक्टर की कंपनी है, उत्पादों का ब्योरा, प्लांट का क्षेत्र, उपलब्ध मशीनरी एवं कंपनी पर कर्ज सहित अन्य देनदारियां शामिल हैं। एमएसएमई क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों को अपनी पूरी जानकारी इ-मेल आइडी स्त्रद्बष्द्वह्यद्वद्गद्धह्म4@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व पर भेजनी है। आर्थिक तंगी से जूझ रहीं एमएसएमई क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों का जो डाटा एमएसएमई निदेशालय ने मांगा है, उससे इसकी उम्मीद बढ़ी है कि आने वाला समय इस क्षेत्र के लिए बेहतर होगा।
-दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री
एमएसएमई क्षेत्र की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। किसी के पास पर्याप्त आर्डर नहीं है। जिसके पास आर्डर हैं भी, तो वे उसे पूरा करने में असमर्थ है। प्रदेश सरकार के उठाए जा रहे कदमों से बेहतरी की उम्मीद है।
-प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन