ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक बना सकता है ओलंपियन, लेकिन मान्यता तो मिले
जा रहा ट्रम्पोलिन जिमनास्टिक किसी भी बच्चे को ओलंपियन बना सकता है। जिस ट्रम्पोलिन जिमनास्टिक स्पर्धा को स्कूलों व मॉल में बच्चे मनोरंज के लिए खेलते हैं वह ओलंपिक गेम है लेकिन ट्रम्पोलिन जिमनास्टिक को प्रदेश खेल नीति और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) में जगह नही मिली हुई। प्रदेश खेल नीति व एसजीएफआइ में उस खेलों को जगह मिली हुई है जो कॉमनवेल्थ व एशियन और ओलंपिक खेलों में शामिल नहीं है।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
मनोरंजन के लिए खेला जा रहा ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक किसी भी बच्चे को ओलंपियन बना सकता है। जिस ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक स्पर्धा को स्कूलों व मॉल में बच्चे मनोरंजन के लिए खेलते हैं, वह ओलंपिक गेम है लेकिन टै्रम्पोलिन जिमनास्टिक को प्रदेश खेल नीति और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) में जगह नहीं मिली है। प्रदेश खेल नीति व एसजीएफआइ में ऐसे खेलों को भी जगह मिली है जो कॉमनवेल्थ, एशियन और ओलंपिक खेलों में शामिल नहीं हैं।
दरअसल, ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक स्पर्धा को हर पब्लिक स्कूल व मॉल में बच्चों के मनोरंजन के लिए शामिल किया गया है। अगर ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक स्पर्धा को प्रदेश खेल नीति व एसजीएफआइ में जगह मिल जाए तो हरियाणा समेत भारत में बड़ी संख्या में खिलाड़ी तैयार होंगे। प्रदेश खेल नीति व एसजीएफआइ में ऐसे खेलों को भी जगह मिल गई है जिनको देश से बाहर नहीं खेला जाता और उनकी अहमियत भी नहीं है। गैरओलंपिक खेलों को शामिल करने का कारण राजनीतिक कारण रहा है। जिस खेल की सिफारिश की गई उसे खेल नीति व एसजीएफआइ में जगह मिली और उन्हीं खेलों के खिलाड़ियों को साल में लाखों रुपये इनाम दिया जाता है। ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक:
ट्रैम्पोलिन जिमनास्टिक स्पर्धा की प्रैक्टिस करने के लिए लंबे-चौड़े ग्राउंड की जरूरत भी नहीं है। ट्रैम्पोलिन स्पर्धा करने के लिए एक खास तरह की शीट होती है और उसी पर कूद-कूदकर ऊंचाई तक जाया जाता है। जब खिलाड़ी के मुताबिक ऊंचाई हो जाती है तो उसके बाद वह बार-बार वो इवेंट करता है जिसमें भाग ले रहा है। इस शीट पर पैर, सिर, कमर, पेट के बल भी गिरकर खिलाड़ी फिर ऊपर ऊंचाई तक दोबारा जाता है और इवेंट के करतब करता है।