स्पोर्ट्स इंजरी सेमिनार में दो सौ से ज्यादा खिलाड़ियों को किया जागरूक
नेहरू स्टेडियम में दो दिन स्पोर्ट्स इंजरी को लेकर सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें ढाई सौ के करीब खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स इंजरी के संबंध में जानाकरी दी गई। स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. मनु बोरा ने सेमीनार में अलग अलग खेलों के खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स इंजरी के संबंध में जानकारी दी। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को चले सेमीनार में बताया गया कि छोटी छोटी इंजरी होती है और इसकी अनदेखी करना खतरनाक होता है। ऐसे में खिलाड़ी अपना खेल भविष्य नष्ट कर बैठता है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : नेहरू स्टेडियम में स्पोर्ट्स इंजरी (चोट) को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें ढाई सौ के करीब खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स इंजरी के संबंध में जानकारी दी गई। स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. मनु बोरा ने अलग-अलग खेलों के खिलाड़ियों को इंजरी के संबंध में जानकारी दी।
बृहस्पतिवार और शुक्रवार को चले सेमिनार में बताया गया कि छोटी-छोटी इंजरी की अनदेखी करना खतरनाक होता है। ऐसे में खिलाड़ी अपना खेल भविष्य नष्ट कर बैठता है। डॉक्टर ने कहा कि खिलाड़ी को इंजरी होने के बाद कम से कम दवा का सेवन करना चाहिए। उसे इंजरी को ठीक करने के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए। डॉ. बोरा ने कहा कि उन्होंने ज्यादातर एक्सरसाइज प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के साथ इंजरी से बचाने में सहयोग करने के बारे में बताया है।
स्पोर्ट्स इंजरी सेमिनार में जिमनास्ट, हॉकी, वालीबॉल, कुश्ती, एथलीट, मुक्केबाजी, वुशु, कबड्डी, क्रिकेट,लॉन टेनिस, तैराकी, वेटलिफ्टिग, फुटबॉल, बास्केटबॉल व अन्य खेलों के खिलाड़ियों को अलग-अलग तरह की इंजरी होने का खतरा होता है। इस संबंध में बताया गया। जिला खेल अधिकारी राज यादव ने कहा कि हर माह इस तरह का कैंप लगवाने की योजना है ताकि खिलाड़ियों में इंजरी की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि हर माह स्पोर्ट्स इंजरी को लेकर सेमिनार का आयोजन किया जाए।