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रिहायशी क्षेत्रों में चल रही हैं छोटी औद्योगिक इकाइयां

गुरुग्राम के रिहायशी क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में छोटी औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं जहां आग से सुरक्षा के समुचित प्रबंध तक नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:23 PM (IST)
रिहायशी क्षेत्रों में चल रही हैं छोटी औद्योगिक इकाइयां
रिहायशी क्षेत्रों में चल रही हैं छोटी औद्योगिक इकाइयां

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिले के रिहायशी क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में छोटी औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं। जहां आग से सुरक्षा के समुचित प्रबंध तक नहीं हैं। यदि यहां दिल्ली जैसा हादसा हुआ तो जानमाल के बड़े स्तर पर हानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। शहर के बसई रोड, कादीपुर, दौलताबाद, सोहना रोड, लक्ष्मण विहार, सूरत नगर, धनवापुर, शीतला कॉलोनी एवं धरम कॉलोनी जैसे रिहायशी क्षेत्र में या इसके पास ही सैकड़ों की संख्या में विभिन्न क्षेत्रों की सूक्ष्म एवं छोटी औद्योगिक इकाइयां हैं। जिनमें खतरनाक रसायन, कपड़ों, रबड़, प्लॉस्टिक, डाइंग का उपयोग किया जाता है।

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शहर के उन क्षेत्रों में रहने वाले जहां अवैध तरीके से छोटे उद्योग चल रहे हैं का कहना है कि दिल्ली हादसे के बाद से वह सभी डरे हुए हैं। इन छोटी औद्योगिक इकाइयों में यदि किसी प्रकार का हादसा होता है तो इसका असर आसपास के रहने वालों पर पड़ेगा। ऐसे में प्रशासन को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। यदि कोई खामी है तो उसे दूर किया जाए।

सूरत नजर निवासी सरजीत का कहना है कि उनके घर के पास ही एक रबर बनाने वाली छोटी औद्योगिक इकाई है। जहां पर रात में भी काम होता है। उद्यमियों का कहना है कि दौलताबाद और कादीपुर स्थित औद्योगिक इकाइयां आग से जुड़े मानकों का पालन करती हैं। यहां चल रही इकाइयों में अपने स्तर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हैं। बसई गांव में चल रही औद्योगिक इकाइयों को आग से संबंधित सुरक्षा को लेकर सबसे अधिक गंभीर बताया जा रहा है।

गुरुग्राम सीनियर फायर ऑफिसर आइएस कश्यप का कहना है कि उद्योग विहार, मानेसर व सेक्टर-37 जैसे बड़े औद्योगिक हब में चल रही लगभग सभी औद्योगिक इकाइयों के पास फायर एनओसी है। यहां स्थित इकाइयां अपने स्तर पर भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हुए हैं। इनका कहना है कि कादीपुर, दौलताबाद, बसई रोड और पटौदी रोड जैसे औद्योगिक क्षेत्र अनियमित हैं। यहां भी फायर विभाग द्वारा नजर रखी जाती है। आग से संबंधित हादसे के दौरान इन क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को जाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। विभाग पूरी तरह से हादसों को लेकर सतर्क है।


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