सेक्टर सात की सड़कों की हालत जर्जर लोग परेशान
सेक्टर सात के लोग जर्जर सड़कों को लेकर त्रस्त हैं। सेक्टर की भीतरी सड़कें गड्ढों में बदल गई हैं। बारिश के मौसम में इसमें पानी जमा होगा और दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहेगी। सेक्टर के आरडब्ल्यूए महासचिव नंद लाल ने नगर निगम को पत्र लिख सड़कों की जर्जर हालत सुधारने की गुहार नगर निगम से लगाई है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर सात के लोग जर्जर सड़कों को लेकर त्रस्त हैं। सेक्टर की भीतरी सड़कें गड्ढों में बदल गई हैं। बारिश के मौसम में इसमें पानी जमा होगा और दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहेगी। सेक्टर के आरडब्ल्यूए महासचिव नंद लाल ने नगर निगम को पत्र लिख सड़कों की जर्जर हालत सुधारने की गुहार लगाई है।
इस पत्र में कहा गया है कि सेक्टर की अधिसंख्य सड़कें गड्ढों में बदल गई है। बारिश में जब जल भराव होगा तो स्थिति और ज्यादा भयावह हो जाएगी। सेक्टर सात सेक्टर चार के साथ जुड़ा है। जो सड़क सेक्टर चार से सात की ओर जा रही है। उसमें भी कई जगह गड्ढे बन गए हैं। इससे न्यू कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी, सेक्टर सात एक्सटेंशन और सेक्टर नौ में रहने वाले भी गुजरते हैं। सेक्टर की भीतरी सड़कों का निर्माण शीघ्र कराया जाए। जब निगम ने नहीं सुनी तो खुद से भरवाया गड्ढा
पिछले दिनों नगर निगम ने सीवेज लाइन बिछाने के लिए सेक्टर सात के पॉकेट वन में गड्ढा खोद दिया था। करीब दस दिनों तक गड्ढा यूं ही पड़ा रहा क्येांकि लोगों ने नई सीवेज लाइन डालने से आपत्ति जताई थी। लोगों का तर्क था कि जिस सड़क पर नई सीवेज लाइन डाली जानी है, वह बहुत संकरी है। इससे आवाजाही में बहुत दिक्कत होगी। सीवेज लाइन लोगों के घरों के सामने होगी और प्रशासन इसे खुले नाले की तरह बनाने के पक्ष में था। लोगों ने कहा कि पुरानी सीवेज लाइन की सफाई कर दी जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। लोगों की यह बात तो प्रशासन ने मान ली, लेकिन खुदे हुए गड्ढे को नहीं भरा। स्थानीय निवासी अशोक बत्रा बताते हैं कि दस दिनों तक गड्ढा यूं ही पड़ा रहा। बारिश का पानी इसमें जमा होने और दुर्घटना होने की संभावना थी। जब प्रशासन ने दस दिनों तक गड्ढा नहीं भरा तो हमलोगों ने खुद उसे भरवाया क्योंकि वहां दुर्घटना होने की आशंका थी।