सत्संग: भगवान श्रीकृष्ण के दिखाए मार्ग पर चलें: आचार्य श्रीकृष्ण
कामधेनु गौशाला कामधेनु गौशाला में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य श्रीकृष्ण मुरारी ने कहा कि हमें भगवान श्री कृष्ण के दिखाए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। श्रीमछ्वगवत गीता में लिखा है कि जो व्यक्ति भगवान का हो गया वह सब कष्टों से दूर हो गया। जिसने भागवत में आकर सेवा की वह मोक्ष को प्राप्त हो गया। श्रीमद् भागवत सुनने मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते हैं। जीवन सत्य की राह पर चलता है, हमें अपने जीवन को एक आदर्श के रूप में समाज को समर्पित करना चाहिए। इस कार्यक्रम ने छोटे-छोटे बच्चे श्री कृष्ण के वेश में पहुंचे और भगवान कृष्ण की बाल लीला की झांकी प्रस्तुत की।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कामधेनु गोशाला में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य श्रीकृष्ण मुरारी ने कहा कि हमें भगवान श्री कृष्ण के दिखाए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। श्रीमद्भागवत गीता में लिखा है कि जो व्यक्ति भगवान का हो गया वह सब कष्टों से दूर हो गया। जिसने भागवत में आकर सेवा की वह मोक्ष को प्राप्त हो गया। श्रीमद् भागवत सुनने मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते हैं। जीवन सत्य की राह पर चलता है, हमें अपने जीवन को एक आदर्श के रूप में समाज को समर्पित करना चाहिए। इस कार्यक्रम ने छोटे-छोटे बच्चे श्री कृष्ण के वेश में पहुंचे और भगवान कृष्ण की बाल लीला की झांकी प्रस्तुत की।
आचार्य श्रीकृष्ण मुरारी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसकी योग्यता उसकी वाणी पर निर्भर करती है। हमारा शरीर भी वैसा ही है जैसा हम चाहते हैं। हम इसको अच्छा और निरोगी बनाएंगे तो उतना ही अच्छा होगा। गोमाता की सेवा सर्वोपरि है। जिसने गोमाता की सेवा की उसने एक तरह से तीर्थ कर लिया। हमारी संस्कृति का प्रतीक गाय माता है। गाय हमारे वास्तु दोष को दूर करती है। इसके साथ-साथ हमें अपनी धरोहर अपनी माता-पिता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। उनकी पूजा करनी चाहिए और उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। उनके अलावा संसार में कुछ भी नहीं है। जिसने माता-पिता की सेवा की उसने भी मोक्ष की प्राप्ति की है।