संघ प्रमुख के बौद्धिक को लेकर स्वयंसेवकों में रहा उत्साह
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के बौद्धिक को लेकर स्वयंसेवकों में जबर्दस्त उत्साह रहा। यही नहीं संघ के अनुषांगिक संगठनों के सदस्यों से लेकर विचारधारा प्रभावित अन्य लोगों ने भी बौद्धिक सुना। सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों पर बौद्धिक के प्रसारण का लाभ सभी मिला। संघ के प्रांत संघचालक पवन जिदल सहित अधिकतर स्वयंसेवकों ने परिवार सहित बौद्धिक सुना।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के बौद्धिक को लेकर स्वयंसेवकों में जबर्दस्त उत्साह रहा। संघ के प्रांत संघचालक पवन जिदल सहित अधिकतर स्वयंसेवकों ने परिवार सहित बौद्धिक सुना। कोरोना संकट के बीच रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का बौद्धिक सुनने के लिए स्वयंसेवकों से लेकर विचारधारा से जुड़े लोग शाम साढ़े चार बजे से ही टीवी के सामने बैठ गए थे। जब तक बौद्धिक चलता रहा सभी टीवी या मोबाइल से चिपके रहे।
संघ के प्रचार विभाग प्रमुख अनिल कश्यप ने कहा कि सरसंघचालक जी ने, एक नागरिक की जिम्मेदारी क्या होती है, उसे सारगर्भित तरीके से सामने रखा। अनुशासन का जीवन में कितना महत्व है, समाज में सद्भाव बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए, सहित कई विषयों पर मार्गदर्शन किया। संघ केवल हिदू की ही बात करता है, इस तरह का आरोप लगाने वालों को भी करारा जवाब देते हुए उन्होंने संदेश दिया कि स्वयंसेवक धर्म के आधार पर सेवा कार्य नहीं कर रहे हैं। जो भी लोग जरूरतमंद हैं, चाहे वह किसी भी धर्म या संप्रदाय के हैं, उनकी सेवा स्वयंसेवक कर रहे हैं।
संघ के गुरुग्राम महानगर सह संपर्क प्रमुख रामअवतार गर्ग बिट्टू ने कहा कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का बौद्धिक हमेशा ही प्रेरित करता है। उन्होंने विश्व बंधुत्व का संदेश दिया है। देश कैसे तेजी से आगे बढ़ सकता है, इस बारे में मार्गदर्शन किया है।
पटेल नगर निवासी व संघ के स्वयंसेवक संत कुमार ने कहा कि बौद्धिक को जीवन दर्शन करार दिया। उन्होंने कहा कि बौद्धिक को हर व्यक्ति जीवन में अपना ले तो कहीं अशांति नहीं पैदा होगी। विश्व हिदू परिषद के पूर्व जिला मंत्री अमित शर्मा ने कहा बौद्धिक से सेवा कार्य करने की भावना और बढ़ी है।