डीएमआरसी ने शुरू किया रैपिड मेट्रो कासंचालन
पॉश इलाकों में लाइफ लाइन बन चुकी रैपिड मेट्रो के संचालन की विधिवत जिम्मेदारी डीएमआरसी ने बुधवार दोपहर से संभाल ली।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी के पॉश इलाकों की लाइफ लाइन बन चुकी रैपिड मेट्रो के संचालन की विधिवत जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बुधवार दोपहर से संभाल ली। यह जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की ओर से हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एचएमआरटीसी) के प्रबंध निदेशक डॉ. डी. सुरेश ने डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह को सौंपी। दोनों ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ रैपिड मेट्रो की यात्रा भी की।
पत्रकारों से बातचीत में एचएमआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. डी.सुरेश ने कहा कि रैपिड मेट्रो का मालिकाना हक किसके पास होगा, रैपिड मेट्रो के कर्मचारी एवं अधिकारी अब किस कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारी कहलाएंगे सहित कई विषयों के बारे में फैसला आगे होगा। फिलहाल सुविधा जारी रहे, इसके ऊपर जोर दिया गया है। डीएमआरसी ने संचालन की जिम्मेदारी संभाल ली है। रैपिड मेट्रो गुड़गांव लिमिटेड को कितनी राशि देनी है, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के साथ क्या समझौता किया गया था आदि विषयों पर चर्चा चल रही है। निर्माण में कितना खर्च किया गया सहित कई विषयों का आकलन कैग की ओर से किया जाएगा। पैसे के लेन-देन का अंतिम फैसला आर्बिटेटर की ओर से होगा। फैसले से पहले यह देखा जाएगा कि किसकी कमी की वजह से प्रदेश सरकार को रैपिड मेट्रो की जिम्मेदारी लेनी पड़ी।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा कि उन्होंने हू-ब-हू जिम्मेदारी ली है। आगे क्या करना है, इस बारे में फैसला नहीं लिया गया है। फिलहाल उनका प्रयास यही रहेगा कि यात्रियों की संख्या बढ़े। डीएमआरसी की तरह ही रैपिड मेट्रो की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआइएसएफ को देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल संचालन की जिम्मेदारी संभाली है। आगे सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्था से जुड़े जितने भी विषय हैं, उनके ऊपर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। यलो लाइन पर दिल्ली मेट्रो की संख्या बढ़ाने के सवाल पर कहा कि अब संख्या बढ़ाना मुश्किल है। इसे देखते हुए कोचों की संख्या ही बढ़ाई जा सकती है। जिनमें छह कोच हैं, उनमें दो की संख्या बढ़ा दी जाएगी। हुडा सिटी सेंटर मेट्रो सेंटर से सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन के बीच बार-बार सिग्नल में गड़बड़ी के सवाल पर कहा कि तकनीकी गड़बड़ी कहीं भी आ सकती है। यात्रियों ने ली राहत की सांस :
जब से आरएमजीएल ने रैपिड मेट्रो के संचालन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार को सौंपने की बात शुरू की थी तब से यात्रियों में इसके बंद होने की आशंका होने लगी थी क्योंकि प्रदेश सरकार के पास संचालन का अनुभव नहीं है। अब डीएमआरसी के पास संचालन की जिम्मेदारी आने के बाद से यात्रियों ने राहत की सांस ली है। यात्रियों का कहना है कि प्रदेश सरकार चार से पांच साल में एचएमआरटीसी को संचालन के लिए तैयार करे। यात्री राजेश कुमार एवं अमित वर्मा कहते हैं कि डीएमआरसी के भरोसे ही नहीं रहना चाहिए। बता दें कि रैपिड मेट्रो रेल कॉरिडोर की लंबाई 11.6 किलोमीटर है। इसमें पर 11 स्टेशन हैं। सेवा सुबह छह बजे से शुरू होती है। चार से साढ़े चार मिनट के अंतराल के बाद पीक आवर में सुविधा उपलब्ध होती है।