नरबीर के शैक्षणिक प्रमाण पत्र मामले में हुई बहस
आरटीआइ कार्यकर्ता हरींद्र ढींगरा द्वारा प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह की तथाकथित शिक्षा प्रमाण पत्र की जांच को लेकर दायर की गई याचिका पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नवीन कुमार की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आरटीआइ कार्यकर्ता हरींद्र ढींगरा द्वारा लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह के शिक्षा प्रमाण पत्र की जांच को लेकर दायर याचिका पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नवीन कुमार की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई (20 मई) के दौरान पुलिस द्वारा पेश की गई जांच रिपोर्ट पर अदालत ने दलीलें सुनीं। शिकायतकर्ता ने अदालत से आग्रह किया कि इस मामले में मंत्री को सुनवाई के लिए अदालत में बुलाया जाए। मंत्री को समन जारी करे या नहीं, इस बात का फैसला अदालत ने 30 मई तक सुरक्षित रख लिया है। पुलिस अधिकारी ने जांच से संबंधित सभी बिदुओं की विस्तृत जानकारी अदालत को दी।
बता दें कि आरटीआइ कार्यकर्ता हरींद्र ढींगरा ने लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने वर्ष 2005, 2009 और 2014 में चुनाव में दाखिल किए शपथ पत्रों में शैक्षणिक योग्यताओं के बारे में अलग-अलग जानकारी दी थी। उन्होंने 2005 में दाखिल शपथपत्र में बताया था कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से उत्तीर्ण की थी। 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं की परीक्षा बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से उत्तीर्ण की थी। साथ ही वर्ष 1986 में हिदी साहित्य में स्नातक करने का उल्लेख भी किया था।
ढींगरा ने शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में विरोधाभास व भ्रमित जानकारी देने की शिकायत केंद्रीय चुनाव आयोग से भी की थी। आयोग ने तब निर्देश दिए थे कि मामले को लेकर अदालत में जाएं। कोर्ट जाने पर अदालत ने पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। हालांकि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को राव नरबीर सिंह पहले ही निराधार बता चुके हैं।