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रामलीला - .. जिन पर कृपा राम की हो वो पत्थर भी तर जाते हैं

राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं . जिन पर कृपा राम की हो वो पत्थर भी तर जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 06:37 AM (IST)
रामलीला - .. जिन पर कृपा राम की हो वो पत्थर भी तर जाते हैं
रामलीला - .. जिन पर कृपा राम की हो वो पत्थर भी तर जाते हैं

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं . जिन पर कृपा राम की हो वो पत्थर भी तर जाते हैं। रामेश्वरम में राम सेतु के निर्माण की पृष्ठभूमि पर गाया गया यह भजन जीवन के लिए भी उतना ही अनुकूल है। राम कृपा के बिना कुछ नहीं हो सकता और रामलीलाओं को देखने आए लोग इसी श्रद्धा के भाव से रामलीला देखते हैं। हनुमान के जय घोष के साथ सुर में सुर मिलाकर जय श्री राम का जयघोष कर रहे हैं। माहौल राममय हो चला है। शक्ति उपासना का यह महापर्व मंगलवार को विजय दशमी के साथ पूरा हो जाएगा। मंगलवार को रावण वध और बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाएंगे।

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गुरु द्रोणाचार्य रामलीला क्लब गुरुग्राम गांव में होने वाली रामलीला में रविवार की रात राम सेतु निर्माण की लीला का मंचन हुआ।जिसमें दिखाया गया कि किस प्रकार नल और नील भारी-भारी पत्थर पर श्री राम का नाम लिखकर समुद्र में डालते हैं और वो सभी पत्थर तैरने लग जाते हैं। इसके बाद अंगद (गोपेश ) लंका पहुंचकर रावण को श्री राम का संदेश देते हैं। अंगद के पैर जमाने का ²श्य दिखाया जाता है। लंका का कोई महारथी अंगद के पांव हिला नहीं पाता अंत में जब रावण उठता है तो अंगद कहते हैं कि मेरे पैरों में क्यों गिर रहे हो श्री राम के पैरों में गिरो। यहां लक्ष्मण मूर्छा का ²श्य भी दिखाया गया। हनुमान संजीवनी बूटी लाने द्रोणगिरी पर्वत जाते हैं और पर्वत ही उठा लाते हैं। वापसी में उनकी मुलाकात अयोध्या में भरत के साथ होती है।

जैकबपुरा की रामलीला में रावण के रूप में बनवारी लाल सैनी के डायलॉग पर खूब तालियां बज रही है। रावण का दरबार और रावण अंगद संवाद लोगों ने खूब सराहा। रविवार की लीला में रावण को मंदोदरी से मंत्रणा करते हुए दिखाया गया- मंदोदरी कहती है- प्राणनाथ, हनुमत जैसे जिनके पायत है, वे कैसे मारे जाएंगे। तुम लड़के जिन्हें समझते हो, वे लड़के तुम्हें हराएंगे। मेरी बात मान लो सीता को उन्हें वापस लौटा दो। रावण मंदोदरी से कहता है कि कल की घटना से तुम विचलित हो गई हो- उन्हें तो तुम भगवान समझती हो- भगवान मानकर भी पगली क्यों बातें करती हो हल्की, मेरे कारण वो आया है, यह महिमा है मेरे बल की। रावण के रूप में बनवारी लाल सैनी इन डायलॉग को खुद कविता की तरह बोलते हैं। इसके बाद रावण की सभा में विभीषण का अपमान होता है और फिर अंगद राम के दूत बनकर आते हैं। रावण अंगद संवाद दर्शाया जाता है।

चौधरी बख्तावर भवन पट्टी पछिया झाड़सा की पुरानी रामलीला की ओर से मंगलवार को श्री राम की शोभा यात्रा निकाली जाएगी और रावण कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा। इस रामलीला के निर्देशक मंडल में चौधरी मनफूल सिंह ठाकरान, पंडित सत्य नारायण अत्री शामिल हैं। इस रामलीला में रविवार की रात रावण अंगद संवाद का मंचन किया गया। रावण की भूमिका विनोद ठाकरान, हनुमान की भूमिका में अजय ठाकरान और अंगद की भूमिका राजेश अत्री ने निभाई। यहां श्री राम की भूमिका दिलपत ठाकरान निभा रहे हैं। रामलीला के सचिव जगबीर ठाकरान ने बताया कि यह रामलीला इस इलाके की सबसे पुरानी रामलीला है। आज निकलेगी शोभा यात्रा

रामलीलाओं कमेटियों की ओर से विजय दशमी पर श्री राम की विजय यात्रा शहर में निकाली जाती है। हर रामलीला कमेटी अपने -अपने तरीके से लीला के कलाकारों के साथ शोभायात्रा निकालती है। जैकबपुरा की रामलीला के कलाकार राम रावण युद्ध और रावण मरण का ²श्य गौशाला मैदान के मंच पर करती है। जहां इस लीला के बाद रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले का दहन होता है। अब लीला में नहीं मगर लोग उन्हें कुंभकरण कहते हैं

भीम सेन गुप्ता रामलीलाओं में कुंभकरण बना करते थे। सालों वे डाकखाने की पुरानी रामलीला में कुंभकरण बना करते थे। पेशे से व्यवसायी पटेल नगर में रहने वाले भीम सेन गुप्ता को लोग कुंभकरण कहने लगे है। लोग उन्हें कुंभकरण के नाम से ज्यादा जानते हैं। वे बताते हैं कि अब मैं रामलीला में रोल नहीं करता हूं मगर सब कुंभकरण कहते हैं। हालांकि साल में एक बार ही रामलीला होती है, मगर पुराने समय में लोगों के लिए यह एक प्रमुख मनोरंजन का भी साधन था लोग हर भूमिका करने वालों को पहचानते थे और इसी तरह कुंभकरण की पहचान वे बन गए।


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