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रामलीला: फेसबुक लाइव में देख रहे हैं लिम्का बुक रिकॉर्डधारी रावण को

शहर की रामलीलाओं में राम रावण युद्ध की पृष्ठ भूमि बनने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 03:55 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:32 AM (IST)
रामलीला: फेसबुक लाइव में देख रहे हैं लिम्का बुक रिकॉर्डधारी रावण को
रामलीला: फेसबुक लाइव में देख रहे हैं लिम्का बुक रिकॉर्डधारी रावण को

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर की रामलीलाओं में राम रावण युद्ध की पृष्ठभूमि बनने लगी है। शुक्रवार की शाम रामलीलाओं में कही शूर्पनखा प्रसंग तो कही सीता हरण का ²श्य दर्शाया गया। रामलीलाओं ने खर दूषण वध और रावण मंच पर रावण की एंट्री के साथ लोगों की दिलचस्पी और बढ़ा दी है। रावण का चरित्र खलनायक हैं मगर कुछ रामलीलाओं में लोग रावण को देखने आते हैं।

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जैकबपुरा की रामलीला में जब खर दूषण और उनकी सेना को वनवासी राम और लक्ष्मण मार गिराते हैं तब रावण को यह सोचते हुए दर्शाया जाता है- खर दूषण मो सम बलवंता तिन्हहू को मारे न बिनु भगवंता. मानस से यह प्रसंग गाया जाता है। साथ में राधेश्याम रचित रामायण के गीत बजते हैं- जब एक अकेली ताकत ने उन सब वीरों को मार दिया तो निश्चय ही यह सिद्ध हुआ नारायण ने अवतार लिया। रावण सोचता है कि वह व्यक्ति जिसने खर और दूषण जैसे वीरों को मार गिराया वह निश्चित रूप से नारायण ने मनुष्य रूप धारण किया है।

रावण राम से आमना-सामना करने की सोच रहा है। इस रामलीला में रावण का रोल करने वाले बनवारी लाल सैनी का नाम सर्वाधिक बार रावण बनने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। हर साल इस रामलीला में यह तय होता है कि रावण बदला जाए मगर लोगों की मांग ऐसी है कि इस रावण को नहीं बदला जा सका। बनवारी लाल सैनी गौशाला मैदान में दशहरा उत्सव के दौरान रामलीला के रावण वध ²श्य में भी होते हैं। इस रामलीला को फेसबुक पर लाइव दर्शाया जा रहा है। जिसे काफी लोग देख रहे हैं।

गीता भवन की रामलीला में शूर्पनखा की नाक काटे जाने का प्रसंग दर्शाया गया। हालांकि कुछ रामलीलाओं में स्त्री पात्र के किरदार महिलाएं निभा रही हैं मगर राक्षसियों के किरदार पुरुष ही निभाते हैं। गीता भवन समेत अन्य रामलीलाओं में भी पुरुष ही राक्षसियों के किरदार निभा रहे है। स्वरूप गार्डन की लवकुश रामलीला कमेटी की रामलीला में भरत मिलाप और पंचवटी प्रसंग और सीता हरण दर्शाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बदन सिंह यादव, डीके शर्मा रहे। बख्तावर भवन में आयोजित झाड़सा की पुरानी रामलीला भरत मिलाप और खर दूषण वध का मंचन किया गया। यहां खर दूषण की भूमिका में धर्मवीर ठाकरान और प्रशांत ठाकरान थे।


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