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फसलों ही नहीं उम्मीदों पर भी पड़े ओले

फसल बर्बाद: फसलों ही नहीं उम्मीदों पर भी पड़े ओले फोटो

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 06:15 PM (IST)
फसलों ही नहीं उम्मीदों पर भी पड़े ओले
फसलों ही नहीं उम्मीदों पर भी पड़े ओले

संवाद सहयोगी, पटौदी: क्षेत्र में बृहस्पतिवार को बारिश व आंधी के साथ पड़े ओलों से किसानों की सिर्फ फसल ही बर्बाद नहीं हुई है, उनकी उम्मीद भी टूट गई है। ओलावृष्टि से सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सब्जी बोने वाले किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है। फसलों को लहलहाते देखकर खुश हो रहे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। कुछ छोटे किसानों को तो इतना नुकसान हुआ है कि उनके घर अगले दिन चूल्हा तक नहीं जला।

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शुक्रवार को दिन भर किसान उपमंडलीय सचिवालय में नुकासान फसलों की भरपाई के आवेदन करने के लिए जमे रहे। गांव ऊंचामाजरा के किसानों ने तो विधायक बिमला चौधरी को बुलाकर उन्हें बर्बाद हुई फसलें दिखाई और मुआवजे की मांग की। विधायक बिमला चौधरी ने आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को स्थिति से अवगत करवाकर वे किसानों को अधिक से अधिक मुआवजा दिलवाएंगी। किसानों ने बताया कि ऊंचामारा के ज्यादातर प्रगतिशील किसान ड्रिप ईरीगेशन एवं अगेती सब्जियां बोने का कार्य भी करते हैं। इन पर भारी लगात आती है। बस्तुपर के किसान ओमबीर ¨सह चौहान ने कहा कि बस्तुपर व आसपास के क्षेत्र में फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। छोटे किसानों एवं उगाही पर लेकर फसल बोने वालों की तो कमर ही टूट गई है। सरकार किसानों की मदद राहत दे। --

मैंने दस एकड़ में अगेती सब्जी व 15 एकड़ में सरसों बो रखी थी जो लगभग नष्ट हो गई हैं। ओलावृष्टि ने हमें पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। अब सरकार से ही उम्मीद है।

- धर्मेंद्र, ऊंचामाजरा

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मेरे पास केवल दो एकड़ भूमि है जबकि पांच एकड़ उगाही पर ले रखी थी। इनमें गोभी व सरसों बो रखी थी। सारी फसलें बिल्कुल नष्ट हो गई हैं। घर के लोग इतने परेशान हैं कि रात से हमारे घर में तो चूल्हा ही नहीं जला।

- हरपाल, ऊंचामाजरा

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तीस एकड़ में सरसों, पांच एकड़ में सब्जी व एक एकड़ में खीरा एवं 20 एकड़ में गेहूं बो रखा था। सब्जी एवं सरसों की फसलों को तो बहुत नुकसान हुआ है। अन्नदाताओं को अब सरकार से ही मदद की उम्मीद है।

- राम अवतार, ऊंचामाजरा

मैंने अब तक इतने मोटे ओले नहीं देखे। यह भी नहीं देखा कि एक ही दिन में तीन बार ओले पड़े हों। ओलों ने मेरी एवं गांव के अन्य किसानों की फसलों को बर्बाद करके रख दिया। मैंने फसलों का बीमा भी नहीं करवाया था। अब केवल सरकार से ही मदद की उम्मीद है।

- महेंद्र ¨सह, बासपदमका अच्छी फसल देखकर खुश हो रहे किसानों की ओलों ने कमर तोड़कर रख दी है। सरसों व सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल भी काफी हद तक बर्बाद हो गई है।

- मुकेश, दरापुर


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