मस्ती के साथ राजनीतिक चर्चाओं का भी केंद्र बन रही राहगीरी
जागरण संवाददाता गुरुग्राम राहगीरी में मौज-मस्ती के बीच चुनावी तड़का भी खूब लगने लगा है। इसमें बड़ी संख्या में शिरकत करने वालों के बीच रविवार को चुनावी चर्चाएं जोरों पर रहीं। अधिकतर की राय यही रही कि यह लोकसभा चुनाव देश के भविष्य को लेकर विशेष महत्व रखने वाला है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए अधिक से अधिक लोग मतदान करें इसे लेकर भी कुछ स्वयंसेवियों द्वारा राहगीरी में आए लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए गए। उन युवाओं में चुनाव को लेकर सबसे अधिक उत्साह दिख रहा है जो पहली बार मतदाता बने हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : राहगीरी में मौज-मस्ती के बीच चुनावी तड़का भी खूब लगने लगा है। इसमें बड़ी संख्या में शिरकत करने वालों के बीच रविवार को चुनावी चर्चाएं जोरों पर रहीं। अधिकतर की राय यही रही कि यह लोकसभा चुनाव देश के भविष्य को लेकर विशेष महत्व रखने वाला है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए अधिक से अधिक लोग मतदान करें, इसे लेकर भी कुछ स्वयंसेवियों द्वारा राहगीरी में आए लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए गए। उन युवाओं में चुनाव को लेकर सबसे अधिक उत्साह दिख रहा है जो पहली बार मतदाता बने हैं।
शहर में राहगीरी का आयोजन सेक्टर-4 से सेक्टर-9 चौक के बीच हो रही है। जहां पहले यहां सिर्फ मनोरंजन होता था आज वहां पर चुनावी बातें भी खूब हो रही हैं। सेक्टर-4 के रहने वाले बुजुर्ग सत्यदेव प्रसाद ने कहा कि हर बार का लोकसभा चुनाव अपने पिछले चुनाव से काफी अलग रंग और ढंग का होता है। इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है। सभी को सोच-समझ कर मतदान करना चाहिए। जाति, क्षेत्र और धर्म के दायरे से हट कर देश के बारे में सोचना होगा। युवा मतदाताओं का काफी दारोमदार है। इसी प्रकार से पहली बार मतदाता बने शुभम सिंह का कहना है कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में भागीदार बनने का मौका मिल रहा है बहुत उत्साहित हूं। सोच भी लिया है कि किस पार्टी के लिए वोट करना है।
राहगीरी के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन हुआ। लोगों ने साइकिलिंग, वॉकिग, रनिग, योग, एरोबिक्स, रोलर स्केटिग, डांस, जुंबा, भांगड़ा, वॉलीबॉल, बैडमिटन सहित अन्य कई अन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया। साइकिल चलाने का शौक रखने वालों ने कहा कि गुरुग्राम की सड़कों पर अलग से साइकिल ट्रैक नहीं है। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही है। फिर भी इसकी और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सातवीं कक्षा की छात्रा शगुन शर्मा ने कहा कि सिर्फ राहगीरी में ही साइकिल चलाने का मौका मिलता है। अन्य दिनों में सड़कों पर साइकिल चलाना सुरक्षित नहीं है। पर्यावरण को लेकर भी चर्चा हुई। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और वायु प्रदूषण को लेकर भी लोगों में चिता दिखी।