नई चुनौतियों ने बदली जीवनशैली, खौफ की जगह सकारात्मकता ने ली
अब लोग अपने जीवन को कोरोना वायरस के साथ ही जोड़कर देख रहे हैं।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
लॉकडाउन को पचास दिन हो चुके हैं और लोग अब अपने रोजमर्रा के जीवन को कोरोना के साथ ही जोड़कर देखने की आदत डालने लगे हैं। लोग कोरोना से डरने के बजाय उससे जीतने का जज्बा दिखा रहे हैं। अपनी हिम्मत से इस वायरस को दूर भगाने के लिए सावधानी व सुरक्षा कर रहे हैं। मास्क और सैनिटाइजेशन लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। घर पर रहते हुए भी साफ-सफाई और फिजिकल डिस्टेंसिग से लोग कोरोना को वह मौका ही नहीं दे रहे हैं जहां वह संक्रमण फैला सके। लोग घबराने के बजाय कोरोना के खिलाफ हिम्मत दिखा रहे हैं।
सोहना रोड निवासी विजय पाल सिंह का कहना है कि उनका परिवार पूरी तरह से डरा हुआ था और कोई न तो सब्जी खरीद रहा था और न ही कोई अन्य खाद्य सामग्री। डर ने मानसिक सुकून छीन लिया था लेकिन फिर उन्होंने सोचा कि इस वायरस से लड़ना होगा, डरने से काम नहीं चलेगा। ऐसे में उन्होंने साफ-सफाई और बचाव के उपायों के साथ ही बाहर निकलना शुरू किया। अब वे जरूरत के सभी काम कर रहे हैं लेकिन पूरी सुरक्षा के साथ। एस्सेल टावर सुशांत लोक निवासी अभिमन्यु सिंह का कहना है कि कोरोना जा नहीं रहा है तो हमें उसे भगाना होगा। साफ-सफाई और पूरी सावधानी ही उसे भगा सकती है। डरने से काम नहीं चलेगा। डरकर हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को खो देंगे। योग बन रहा है रुटीन
कोरोना महामारी के दौर में बड़ी संख्या में लोग योग से जुड़ने लगे हैं। योग अब लोगों की रुटीन का हिस्सा बन रहा है। सेक्टर चार निवासी आदित्य शर्मा का कहना है कि वे परिवार सहित एक घंटा योग व प्राणायाम कर रहे हैं और इसके लिए वे योग विशेषज्ञों के वीडियो देखकर अभ्यास करते हैं। सेक्टर 15 निवासी पीयूष का कहना है कि वे भी माता-पिता के साथ नियमित रूप से योग करते हैं ताकि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके। छुंट्टी का इस्तेमाल सफाई में
घर की पूरी सफाई के लिए अब त्योहार का इंतजार नहीं होता। कोरोना ने फुर्सत का जो मौका दिया है उसमें लोग अब नियमित रूप से साफ-सफाई करने लगे हैं। सेक्टर-10 निवासी हरिदर का कहना है कि उनके घर में सात सदस्य हैं और सभी को एक-एक हिस्से की नियमित सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में पूरा घर चमकता रहता है। डर हुआ खत्म, बढ़ा आत्मविश्वास
सुशांत लोक निवासी विजय लक्ष्मी का कहना है कि अब धीरे-धीरे डर खत्म हो रहा है और एक सकारात्मकता आ रही है। ऐसे में आत्मविश्वास बढ़ रहा है कि अगर अपनी दिनचर्या में सुधार कर लिया जाए तो कोरोना जैसे वायरस कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। फैशन डिजाइनर शीतल का कहना है कि डर कर बैठना सही नहीं है, ऐसे में रुटीन बदलकर बेहतर जीवनशैली अपना कर आत्मविश्वास बढ़ रहा है।