प्रदूषण कम नहीं हुआ तो स्मॉग बढ़ाएगा आफत
अगर शहर में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ तो आगामी एक सप्ताह में स्मॉग से परेशानी बढ़ सकती है।
संदीप रतन, गुरुग्राम
अगर शहर में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ तो आगामी एक सप्ताह में स्मॉग से परेशानी बढ़ सकती है। इन दिनों गुरुग्राम की हवा सांस लेने लायक नहीं है। बुधवार को प्रदूषण का स्तर 213 (पीएम 2.5) दर्ज किया गया। हवा कई गुना जहरीली हो चुकी है। हालांकि, ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की अवहेलना करने वालों पर सख्ती बरती जा रही है और चालान काटे जा रहे हैं। इसके बावजूद शहर की आबोहवा में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। शहर में निर्माणाधीन इमारतों के लिए खुले में निर्माण सामग्री रखने, सड़कों से उड़ती धूल, खुले में कचरा जलाने से प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। तापमान गिरने से जहरीली गैसें हवा में जमने लगी है, जिससे स्मॉग पैदा हो रहा है।
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ऐसे पैदा होता है स्मॉग
स्मॉग शब्द स्मोक (धुआं) और फॉग (धुंध) से मिलकर बना है। तापमान में गिरावट और नमी बढ़ने के साथ ही हवा में मौजूद जहरीली गैसें कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और हाइड्रो कार्बन के मोटे कण जमीन से थोड़ा ऊपर हवा में एक आवरण बना लेते हैं। देखने में यह धुएं जैसा ही लगता है।
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स्मॉग से होता है यह दुष्प्रभाव
सुबह के समय स्मॉग की मात्रा ज्यादा होती है। सांस लेने में काफी परेशानी होती है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। स्मॉग से आंखों व नाक में जलन व सिरदर्द हो सकता है। स्मॉग के दौरान दिल व अस्थमा के मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत है। सुबह के समय स्मॉग का असर सबसे ज्यादा होता है क्योंकि मौसम काफी ठंडा होता है। ज्यादा प्रदूषण के दौरान पार्कों में जॉगिग और व्यायाम करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।