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कबाड़ में आग लगा कर रहे दमकल केंद्र में फोन

प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन काफी प्रयास कर रहे हैं लेकिन इनके प्रयास जमीन स्तर पर आकर दम तोड़ देते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि अधिकारियों की लापरवाही से रोजाना काफी मात्रा में कबाड़ जलाया जाता जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। आइएमटी मानेसर

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:31 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:17 AM (IST)
कबाड़ में आग लगा कर रहे दमकल केंद्र में फोन
कबाड़ में आग लगा कर रहे दमकल केंद्र में फोन

जागरण संवाददाता, मानेसर:प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन काफी प्रयास कर रहे हैं लेकिन इनके प्रयास जमीन स्तर पर आकर दम तोड़ देते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि अधिकारियों की लापरवाही से रोजाना काफी मात्रा में कबाड़ जलाया जाता जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। आइएमटी मानेसर और आसपास के क्षेत्र में रोजाना कबाड़ में आग लगाई जाती है। कबाड़ जलाने वाले भी शातिराना अंदाज में कबाड़ जला रहे हैं। पहले खुले में कबाड़ जलाने वालों को अधिकारी और ग्रामीण रोक देते थे लेकिन अब खाली जमीन पर कबाड़ डालकर उसमें आग लगा दी जाती है। आग फैलने के बाद दमकल केंद्र में फोन कर दिया जाता है। इससे कुछ समय दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में भी लगता है और जब तब वहां कबाड़ में आग फैल जाती है। दमकल कर्मियों द्वारा कार्रवाई की जाती है और आग को बुझा दिया जाता है। पिछले एक साल में इस प्रकार के कई मामले सामने आए। यह सिलसिला कई माह से चल रहा है।

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कपड़ा, प्लास्टिक और रबड़ के कबाड़ में लगा रहे आग

आइएमटी मानेसर और आसपास के क्षेत्र में काफी संख्या में कबाड़ी रहते हैं। ये आइएमटी की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले रबड़, प्लास्टिक और कपड़े के कबाड़ को लेते हैं। कंपनी इनको हटाने के पैसे देती है। कबाड़ी इनको लेकर इनसे काम के सामान को रख लेते हैं और बाकी के कबाड़ को एक तरफ डालकर आग लगा देते हैं। खुले में कबाड़ जलाने पर कई अधिकारियों और ग्रामीणों ने इनको रोकना शुरू कर दिया। अब इनके द्वारा काफी मात्रा में कबाड़ इकट्ठा कर लेते हैं और मौका मिलते ही इसमें आग लगा देते हैं।

- आइएमटी मानेसर स्थित दमकल केंद्र के अधिकारियों के अनुसार पिछले साल में कई बार ऐसे फोन कॉल आए जिनमे मौके पर कबाड़ के ढेर में आग लगी पाई गई। दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार अज्ञात लोगों द्वारा फोन करने पर कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकते। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा कबाड़ का कार्य करने और कबाड़ जलाने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।


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