Move to Jagran APP

राहत के लिए उद्यमी एचईआरसी में दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा अग्रिम खपत राशि (एसीडी) व बिजली बिल के केवीएएच (किलो वोल्ट एंपियर रीएक्टिव आवर्स) प्रणाली के लागू होने के बाद से उद्यमी खासे परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 07:21 PM (IST)
राहत के लिए उद्यमी एचईआरसी में दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका
राहत के लिए उद्यमी एचईआरसी में दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा अग्रिम खपत राशि (एसीडी) व बिजली बिल के केवीएएच (किलो वोल्ट एंपियर रीएक्टिव आवर्स) प्रणाली के लागू होने के बाद से उद्यमी खासे परेशान हैं। डीएचबीवीएन द्वारा एसीडी राशि और बिजली बिल के एरियर की वसूली के लिए औद्योगिक यूनिटों को लाखों रुपये का नोटिस भेज गया था। इससे परेशान उद्यमियों ने हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) में राहत के लिए याचिका लगाई मगर इसके जरिए भी उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिली। अब इस मामले में गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) उद्योग जगत की ओर से एचईआरसी में पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।

loksabha election banner

बता दें कि डीएचबीवीएन द्वारा एक अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2018 के बीच आए कुल बिजली बिल को जोड़कर उसमें से 45 या 60 दिन का औसत बिल निकाल एसीडी राशि जमा कराने के लिए उद्यमियों को नोटिस भेजा गया था। वहीं उद्यमी 31 मार्च, 2017 से पहले केडब्ल्यूएच (किलोवॉट आवर्स) प्रणाली के अंतर्गत होने वाली बिलिग के आधार पर बिजली का बिल जमा करात थे। 31 मार्च, 2017 से बिजली निगम द्वारा बिलिग प्रक्रिया केवीएएच के आधार पर कर दी गई थी। समस्या तब पैदा हुई जब बिजली निगम ने उद्यमियों को नोटिस भेजा है कि उन्हें केवीएएच के अनुसार बिजली का यह बिल एक अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2017 की अवधि का भी चुकाना होगा।

एचईआरसी में लगाई अर्जी में उद्यमियों ने मांग की थी कि बिजली बिल के एरियर की मांग को रद किया जाए। वहीं एसीडी के जरिए इंडस्ट्री पर डाला गया अतिरिक्त बोझ पूरी तरह से खत्म किया जाए। एसीडी और बिजली बिल एरियर मामले में राहत के लिए एचईआरसी में जीआइए द्वारा याचिका दायर की गई थी। इसमें जो निर्णय आया उसमें उद्यमियों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है। अब इस मामलें में एक पुनर्विचार याचिका एचईआरसी में दायर करने की तैयारी की जा रही है।

- दीपक मैनी, महासचिव, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.