संपदा अधिकारी नहीं होने से लोग नागरिक सुविधाओं के लिए परेशान
एचएसवीपी संपदा अधिकारी-1 के निलंबन पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से स्टे हटने के बाद अब फिर से पद खाली हो गया।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) संपदा अधिकारी-1 के निलंबन पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से स्टे हटने के बाद अब फिर से पद खाली हो गया। इसके अलावा भी तीन अन्य लोग निलंबित चल रहे हैं, जिसके चलते कार्यालय की सभी प्रकार की नागरिक सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं और लोग अपने कार्यो के लिए कार्यालय का बार-बार चक्कर काटने को मजबूर हैं।
बता दें कि बीते वर्ष संपदा अधिकारी-1 मुकेश सोलंकी को एक मामले में मुख्य सचिव ने निलंबित कर दिया था, जिसके बाद सोलंकी ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से स्टे ले लिया था। मामला कई महीने कोर्ट में लंबित चलता रहा लेकिन बीते सप्ताह ही कोर्ट से स्टे हट गया और फिर से निलंबन के आदेश लागू हो गए। उसके बाद से संपदा अधिकारी-1 का पद खाली हो गया और उनके साथ ही कार्यालय-1 के निलंबित हुए तीन कर्मचारियों के पद भी अभी तक खाली चल रहे हैं, जिसका सीधा-सीधा प्रभाव सिटीजन सुविधाओं पर पड़ रहा है। लोगों के काम रुक गए हैं। सिटीजन सुविधाओं में लोगों की ट्रांसफर परमिशन, रिहायशी इलाके के ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट, व्यावसायिक संस्थानों के कार्य, रि-अलॉटमेंट, बिल्डिंग प्लान समेत विभिन्न कार्यों की 100 से अधिक फाइलें अटकी हुई हैं। संपदा अधिकारी-1 का पद खाली होते ही चार्ज संपदा अधिकारी-2 के पास चला जाता है। उन्हें लंबित फाइलों को निपटाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
-जितेन्द्र यादव, प्रशासक, एचएसवीपी