दिसंबर में मार्च जैसे मौसम से हैरान है हर कोई
मौसम के मिजाज से इन दिनों हर कोई हैरान है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि इस साल यह कैसा दिसंबर है जिसमें सर्दी ही नहीं पड़ रही है? इससे बेहतर ठंड तो नवंबर में दो-तीन दिन महसूस हुई थी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मौसम के मिजाज से इन दिनों हर कोई हैरान है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि इस साल यह कैसा दिसंबर है जिसमें सर्दी ही नहीं पड़ रही है? इससे बेहतर ठंड तो नवंबर में दो-तीन दिन महसूस हुई थी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर होने के कारण ऐसा हो रहा है। इस बार यूक्रेन से शुरू होने वाले पश्चिमी विक्षोभ में वह तीव्रता नहीं है जो होनी चाहिए। यही कारण है कि यहां दिन में अच्छी धूप हो रही है और सर्दी कम पड़ रही है।
मौसम विज्ञानी पीएन सिंह बताते हैं कि गुरुग्राम ही नहीं दिल्ली-एनसीआर के शहरों में भी इसी प्रकार की ठंड है। इनका कहना है कि इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग को भी माना जा सकता है। यूक्रेन में हवा का उच्च दबाव बनता है। यहां से उठने वाली बर्फीली हवा भूमध्य सागर होते हुए काला सागर, कैस्पियन सागर से खाड़ी देशों से होते हुए इरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते हुए भारत के उत्तर पश्चिम भाग में पहुंचती है। इस बार वहां से चलने वाली हवा का मिजाज वैसा नहीं है जैसा पहले होता था। दिसंबर में सर्दी ठीक से नहीं पड़ने की यही सबसे बड़ी वजह है।
हालांकि मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसे देखते हुए कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना बन रही है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में बारिश एवं बर्फबारी की संभावना बन रही है। ऐसा हुआ तो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सर्दी बढ़ेगी। सेक्टर-56 निवासी विनय दास का कहना है कि दिसंबर और जनवरी में ही सबसे अधिक सर्दी पड़ती है। इस बार मौसम का मिजाज तो समझ में ही नहीं आ रहा है। दिन में तेज धूप होने की वजह से गर्मी लगती है और रात में भी सर्दी का वैसा असर नहीं है जैसा पिछले सीजन में था।